आखिरी चट्टान - मोहन राकेश

                    आखिरी चट्टान | ( मोहन राकेश )   परिचय - मोहन राकेश ( असली नाम मदनमोहन मुगलानी ) का जन्म अमृतसर में सन् 1925 में हुआ । उन्होंने पहले आरिएंटल कालेज , लाहौर से संस्कृत में एम . ए . किया और विभाजन के बाद जालन्धर आये । फिर पंजाब विश्वविद्यालय से एम . ए . किया । जीविकोपार्जन के लिए कुछ वर्षों अध्यापन कार्य किया , किन्तु लाहौर , मुम्बई , जालन्धर और दिल्ली में रहते हुए कहीं भी स्थायी रूप से नहीं रहे । इन्होंने कुछ समय तक ‘ सारिका ' पत्रिका का सम्पादन किया । ये ' नयी कहानी ' आन्दोलन के अग्रणी कथाकार माने जाते हैं । मोहन राकेश बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे । उन्होंने उपन्यास , नाटक , कहानी , निबन्ध एवं यात्रा - वृत्तान्त आदि सभी विधाओं पर लेखनी चलायी । इनका सन् 1972 में असमय निधन हुआ ।  आषाढ़ का सारा दिन ' , ' लहरों के राजहंस ' तथा ' आधे - अधूरे ' इनके चर्चित नाटक हैं , जो रंगमंच की दृष्टि से पूर्ण सफल हैं । ' अंधेरे बन्द कमरे ' , ' अन्तराल ' , ‘ न आने वाला कल ' उनके उपन्यास तथा ' इंसान के खण्डहर ' , ' नये बादल '

रशिया ओर कुछ खाश बाते

मेष- चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ राशि स्वरूप: मेंढा जैसा, राशि स्वामी- मंगल। 1. राशि चक्र की सबसे पहली राशि मेष है। यह राशि चर (चलित) स्वभाव की होती है। राशि का चिह्न मेढ़ा संघर्ष का प्रतीक है। 2. मेष राशि वाले आकर्षक होते हैं। इनका स्वभाव कुछ रुखा हो सकता है। दिखने में सुंदर होते हैं। यह लोग किसी के दबाव में काम करना पसंद नहीं करते। इनका चरित्र साफ-सुथरा एवं आदर्शवादी होता है। 3. बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं। समाज में इनका वर्चस्व होता है और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। 4. निर्णय लेने में जल्दबाजी करते हैं तथा जिस काम को हाथ में लिया है, उसे पूरा किए बिना पीछे नहीं हटते। 5. इनके स्वभाव में कभी-कभी लापरवाही भी आ जाती है। लालच करना इस राशि के लोगों के स्वभाव मे नहीं होता। दूसरों की मदद करना इन्हें अच्छा लगता है। 6. इनकी कल्पना शक्ति की अच्छी रहती है। सोचते बहुत ज्यादा हैं। 7. जैसा खुद का स्वभाव है, वैसी ही अपेक्षा दूसरों से भी करते हैं। इस कारण कई बार धोखा भी खाते हैं। 8. इन्हें गुस्सा बहुत जल्दी आता है। किसी भी चुनौती को स्वीकार करने की आदत होती है। 9. अपना अपमान जल्दी नहीं भूलते हैं, मन में दबा के रखते हैं। मौका मिलने पर बदला लेने से नहीं चूकते। 10. अपनी जिद पर अड़े रहना भी मेष राशि का स्वभाव है। इनके भीतर एक कलाकार छिपा होता है। 11. ये लोग हर काम करने में सक्षम हो सकते हैं। स्वयं को श्रेष्ठ समझते हैं। 12. अपनी मर्जी के अनुसार ही दूसरों से काम करवाना चाहते हैं। इस कारण इनके कई दुश्मन खड़े हो जाते हैं। 13. एक ही काम को बार-बार करना इस राशि के लोगों को पसंद नहीं होता। 14. एक ही जगह ज्यादा दिनों तक रहना भी अच्छा नहीं लगता है। नेतृत्व क्षमता अच्छी होती है। 15. कम बोलना, जिद करना इनका स्वभाव है। कभी-कभी प्रेम संबंध में दुखी भी रहते हैं। ★★★★★★★★★★★★★★★ वृष- ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो राशि स्वरूप- बैल जैसा राशि स्वामी- शुक्र। राशि परिचय 1. इस राशि का चिह्न बैल है। बैल अधिक पारिश्रमी और ताकतवर होता है, साधारणत: ये जीव शांत भी रहता है, लेकिन गुस्सा आने पर वह उग्र रूप धारण कर लेता है। इसी प्रकार का स्वभाव वृष राशि का भी होता है। 2. वृष राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है। इसके अन्तर्गत कृत्तिका नक्षत्र के तीन चरण, रोहिणी के चारों चरण और मृगशिरा के प्रथम दो चरण आते हैं। 3. सरकारी ठेकेदारी का काम करवाने की योग्यता इस राशि के लोगों में रहती है। 4. इनके जीवन में पिता-पुत्र का कलह रहता है, व्यक्ति का मन सरकारी कामों की ओर रहता है। 5. पिता के पास जमीनी काम या जमीन के द्वारा धन कमाने का साधन होता है। इन लोगों को मसालेदार भोजन अधिक पसंद होता है। 6. इन लोगों के पास ज्ञान अधिक होता है, जिससे अहम का भाव इनके स्वभाव में आ जाता है। ये लोग जब भी कोई बात करते हैं तो स्वाभिमान की बात करते हैं। 7. सरकारी क्षेत्रों की शिक्षा और सरकारी काम इनको आकर्षित करते हैं। 8. यदि कुंडली में केतु का बल मिल जाता है तो व्यक्ति शासन में मुख्य अधिकारी बनने की योग्यता रखता है। मंगल के प्रभाव से व्यक्ति के अंदर मानसिक गर्मी बढ़ती है। 9. कारखानों, स्वास्थ्य कार्यों और जनता के झगड़े सुलझाने का काम ये लोग कर सकते हैं। इनकी माता के जीवन में परेशानियां ज्यादा होती हैं। 10. ये लोग सौन्दर्य प्रेमी और कला प्रिय होते हैं। कला के क्षेत्र में नाम कमाते हैं। 11. माता और पति का साथ या माता और पत्नी का साथ घरेलू वातावरण में तालमेल लाता है। ये लोग अपने जीवनसाथी के अधीन रहना पसंद करते हैं। 12. चन्द्र-बुध के कारण इन लोगों को संतान के रूप में कन्या मिल सकती है। माता के साथ वैचारिक मतभेद का वातावरण बनाता है। 13. इनके जीवन में व्यापारिक यात्राएं काफी होती हैं, अपने ही बनाए हुए उसूलों पर जीवन चलाते हैं। 14. हमेशा दिमाग में कोई योजना बनती रहती है। कई बार खुद के षडयंत्रों में खुद ही फंस भी जाते हैं। 15. रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण का स्वामी चन्द्रमा है, इस कारण इनके मन में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है। ★★★★★★★★★★★★★★★ मिथुन- का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह राशि स्वरूप- स्त्री-पुरुष आलिंगनबद्ध, राशि स्वामी- बुध। 1. यह राशि चक्र की तीसरी राशि है। राशि का प्रतीक युवा दम्पति है, यह द्वि-स्वभाव वाली राशि है। 2. मृगशिरा नक्षत्र के तीसरे चरण के स्वामी मंगल-शुक्र हैं। मंगल शक्ति और शुक्र माया का प्रतीक है। 3. शुक्र के कारण ये लोग जीवनसाथी के लिए हमेशा शक्ति बन रहते हैं, कभी-कभी घरेलू कारणों से आपस में तनाव उत्पन्न हो सकता है। 4. यदि इनकी कुंडली में मंगल और शुक्र की युति है तो इन लोगों में स्त्री रोगों को परखने की अद्भुत क्षमता होती है। 5. ये लोग वाहनों की अच्छी जानकारी रखते हैं। नए-नए वाहनों और सुख के साधनों के प्रति अत्यधिक आकर्षण होता है। इनका घरेलू साज-सज्जा के प्रति अधिक झुकाव होता है। 6. मंगल के कारण व्यक्ति वचनों का पक्का बन जाता है। 7. गुरु आसमान का राजा है तो राहु गुरु का शिष्य है। कुंडली में इन ग्रहों की स्थिति से इस राशि के लोगों में ईश्वर की भक्ति को बढ़ाते हैं। 8. इस राशि के लोगों में ब्रह्माण्ड को समझने की योग्यता होती है। ये लोग वायुयान और सैटेलाइट के बारे में ज्ञान बढ़ाते हैं। 9. यदि कुंडली में राहु-शनि एक साथ हैं तो व्यक्ति की शिक्षा और शक्ति बढ़ती रहती है। व्यक्ति का कार्य शिक्षा स्थानों में या बिजली, पेट्रोल या वाहन वाले कामों की ओर होता है। 10. व्यक्ति एक दायरे में रह कर ही काम कर पाते हैं और पूरा जीवन लाभ प्राप्त करते हैं। व्यक्ति के अंदर एक मर्यादा होती है जो उसे धर्म में बांधे रखती है। व्यक्ति सामाजिक और धार्मिक कार्यों में लगा रहता है। 11. यदि कुंडली में गुरु और मंगल एक साथ हों तो व्यक्ति अपने क्षेत्र में उच्च शिखर तक पहुंच सकता है। 12. व्यक्ति अपने ही विचारों में उलझता है। मिथुन राशि पश्चिम दिशा की प्रतीक है। इसका स्वामी बुध है। 13. बुध की धातु पारा है और इसका स्वभाव जरा-सी गर्मी-सर्दी में ऊपर नीचे होने वाला है। यही स्वभाव इन लोगों का भी होता है। दूसरे की मन की बातें पढ़ने, दूरदृष्टि, बहुमुखी प्रतिभा, अधिक चतुराई से कार्य करने की क्षमता होती है। 14. व्यक्ति को बुद्धि वाले कामों में सफलता मिलती है। वाणी की चतुरता से इस राशि के लोग कुशल कूटनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञ भी बन जाते हैं। 15. हर काम में जिज्ञासा और खोजी दिमाग होने के कारण इस राशि के लोग जांच-पड़ताल में भी सफल होते हैं। ये लोग पत्रकार, लेखक, भाषाओं की जानकारी रखने वाले, योजनाकार भी बन सकते हैं। ★★★★★★★★★★★★★★★ कर्क- ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो राशि स्वरूप- केकड़ा, राशि स्वामी- चंद्रमा। 1. ये राशि चक्र की चौथी राशि है। इस राशि का चिह्न केकड़ा है। यह चर राशि है। 2. राशि स्वामी चन्द्रमा है। इसके अन्तर्गत पुनर्वसु नक्षत्र का अंतिम चरण, पुष्य नक्षत्र के चारों चरण तथा अश्लेषा नक्षत्र के चारों चरण आते हैं। 3. कर्क राशि के लोग कल्पनाशील होते हैं। कुंडली में शनि-सूर्य एक साथ हों तो व्यक्ति को मानसिक रूप से अस्थिर बनाते हैं और व्यक्ति में अहम की भावना बढ़ाते हैं। 4. जिस स्थान पर भी ये लोग काम करने की इच्छा करते हैं, वहां परेशानी ज्यादा मिलती है। 5. कुंडली में शनि-बुध की युति व्यक्ति को होशियार बना देती है। कुंडली में शनि-शुक्र की युति से व्यक्ति को धन प्राप्त होता है। 6. शुक्र व्यक्ति को सजने-संवरने की कला देता है और शनि अधिक आकर्षण देता है। 7. व्यक्ति उपदेशक बन सकता है। कुंडली में बुध की अच्छी स्थिति से गणित की समझ और शनि से लिखने का प्रभाव बढ़ता है। कम्प्यूटर के कामों में व्यक्ति को सफलता मिलती है। 8. व्यक्ति श्रेष्ठ बुद्धि वाला, जल मार्ग से यात्रा पसंद करने वाला, ज्योतिषी, सुगंधित पदार्थों का का काम करने वाला होता है। वह मातृभक्त होता है। 9. केकड़ा जब किसी चीज या जीव को अपने पंजों में जकड़ लेता है तो उसे आसानी से छोड़ता नहीं है। उसी तरह ये लोग भी अपने लोगों को तथा अपने विचारों को आसानी से छोड़ते नहीं हैं। 10. यह भावना उन्हें ग्रहणशील, एकाग्रता और धैर्य के गुण प्रदान करती है। 11. इनका मूड बदलते देर नहीं लगती है। कल्पनाशक्ति और स्मरण शक्ति बहुत तेज होती है। 12. उनके लिए अतीत का महत्व होता है। मित्रता को जीवन भर निभाना जानते हैं, अपनी इच्छा के स्वामी होते हैं। 13. ये सपना देखने वाले होते हैं, परिश्रमी और उद्यमी होते हैं। 14. व्यक्ति बचपन में दुर्बल होते हैं, लेकिन आयु के साथ-साथ उनके शरीर का विकास होता जाता है। 15. इन लोगों को भोजन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। ★★★★★★★★★★★★★★★ सिंह- मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे राशि स्वरूप- शेर जैसा, राशि स्वामी- सूर्य। 1. सिंह राशि पूर्व दिशा की प्रतीक है। इसका चिह्न शेर है। राशि का स्वामी सूर्य है और इस राशि का तत्व अग्नि है। 2. इसके अन्तर्गत मघा नक्षत्र के चारों चरण, पूर्वा फाल्गुनी के चारों चरण और उत्तराफाल्गुनी का पहला चरण आता है। 3. केतु-मंगल की युति कुंडली में हो तो व्यक्ति दिमागी रूप से तेज होता है। केतु-शुक्र की युति कुंडली में हो तो व्यक्ति सजावट और सुन्दरता के प्रति आकर्षण को बढ़ाता है। 4. केतु-बुध के प्रभाव से कल्पना करने और हवाई किले बनाने की इनकी सोच होती है। चंद्र-केतु की युति कुंडली में हो तो व्यक्ति की कल्पना शक्ति का विकास होता है। 5. व्यक्ति का सुन्दरता के प्रति मोह होता है। व्यक्ति में अपने प्रति स्वतंत्रता की भावना रहती है और किसी की बात नहीं मानता। 6. ये लोग पित्त और वायु विकार से परेशान रहने वाले, रसीली वस्तुओं को पसंद करने वाले होते हैं। कम भोजन करना और खूब घूमना, इनकी आदत होती है। 7. इनमें हिम्मत बहुत अधिक होती है और मौका आने पर जोखिमभरे काम करने से भी नहीं चूकते। 8. व्यक्ति जीवन के पहले दौर में सुखी, दूसरे दौर में दुखी और अंतिम अवस्था में पूर्ण सुखी होता है। 9. सिंह राशि वाले लोग हर काम शाही ढंग से करते हैं, जैसे सोचना शाही, करना शाही, खाना शाही और रहना शाही। 10. इस राशि वाले लोग जुबान के पक्के होते हैं। ये लोग जो खाते हैं वही खाएंगे, अन्यथा भूखा रहना पसंद करेंगे। 11. व्यक्ति कठोर मेहनत करने वाले, धन के मामलों में बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। सोना, पीतल और हीरे-जवाहरात का व्यवसाय इन्हें बहुत फायदा देने वाले होते हैं। 12. यदि ये लोग सरकार और नगर पालिका में कार्यरत हैं तो इन्हें लाभ अधिक मिलता है। व्यक्ति की वाणी और चाल में शालीनता पाई जाती है। 13. इस राशि वाले लोग सुगठित शरीर के मालिक होते हैं। नाचना भी इनकी एक विशेषता होती है। इस राशि वाले या तो बिल्कुल स्वस्थ रहते हैं या फिर अधिकतर बीमार रहते हैं। 14. जिस वातावरण में इनको रहना चाहिए, अगर वह न मिले तो दुखी रहने लगते हैं। 15. रीढ़ की हड्डी की बीमारी या चोटों से परेशानियां हो सकती हैं। इस राशि के लोगों को हृदय रोग, धड़कन का तेज होना, लू लगना और आदि बीमारी होने की संभावनाएं होती हैं। ★★★★★★★★★★★★★★★ कन्या- ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो राशि स्वरूप- कन्या, राशि स्वामी- बुध। 1. राशि चक्र की छठी कन्या राशि दक्षिण दिशा की प्रतीक है। इस राशि का चिह्न हाथ में फूल लिए कन्या है। राशि का स्वामी बुध है। इसके अंतर्गत उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे, तीसरे और चौथे चरण, चित्रा के पहले दो चरण और हस्त नक्षत्र के चारों चरण आते हैं। 2. कन्या राशि के लोग बहुत ज्यादा महत्वाकांक्षी होते हैं। भावुक भी होते हैं और वह दिमाग की अपेक्षा दिल से ज्यादा काम लेते हैं। 3. इस राशि के लोग संकोची, शर्मीले और झिझकने वाले होते हैं। 4. मकान, जमीन और सेवाओं वाले क्षेत्र में इस राशि के व्यक्ति कार्य करते हैं। 5. स्वास्थ्य की दृष्टि से फेफड़ों में शीत, पाचनतंत्र एवं आंतों से संबंधी बीमारियां इन लोगों मे मिलती हैं। इन्हें पेट की बीमारी से कष्ट होता है। पैर के रोगों से भी सचेत रहना चाहिए। 6. बचपन से युवावस्था की अपेक्षा इनकी वृद्धावस्था अधिक सुखी और ज्यादा स्थिर होती है। 7. इस राशि वाले पुरुषों का शरीर भी स्त्रियों की भांति कोमल हो सकता है। ये लोग नाजुक और कलाओं से प्रेम करने वाले लोग होते हैं। 8. ये अपनी योग्यता के बल पर उच्च पद पर पहुंचते हैं। विपरीत परिस्थितियां भी इन्हें डरा नहीं सकतीं और ये अपनी सूझबूझ, धैर्य, चातुर्य से आगे बढ़ते रहते हैं। 9. बुध ग्रह का प्रभाव इनके जीवन मे स्पष्ट झलकता है। अच्छे गुण, विचारपूर्ण जीवन, बुद्धिमत्ता इस राशि के लोगों में देखने को मिलती है। 10. शिक्षा और जीवन में सफलता के कारण इनके स्वभाव से शर्म तो कम हो जाती है, लेकिन नम्रता तो इनका स्वाभाविक गुण है। 11. इनको अकारण क्रोध नहीं आता, लेकिन जब क्रोध आता है तो जल्दी समाप्त नहीं होता। जिस कारण क्रोध आता है, उसके प्रति घृणा की भावना इनके मन में घर कर जाती है। 12. इनमें भाषण देने व बातचीत करने की अच्छी कला होती है। संबंधियों से इन्हें विशेष लाभ नहीं होता है, इनका वैवाहिक जीवन भी सामान्य नहीं होता है। 13. इनके प्रेम संबंध सफल नहीं होते हैं। करीबी लोगों के साथ इनके झगड़े चलते रहते हैं। 14. ऐसे व्यक्ति धार्मिक विचारों में आस्था रखते हैं, लेकिन ये लोग किसी विशेष मत के नहीं होते हैं। इन्हें बहुत यात्राएं भी करनी पड़ती है तथा विदेश जाने की भी संभावनाएं रहती हैं। जिस काम में हाथ डालते हैं, लगन के साथ पूरा करके ही छोड़ते हैं। 15. इस राशि वाले लोग अपरिचित लोगों में अधिक लोकप्रिय होते हैं। वैसे इन लोगों की मित्रता किसी भी प्रकार के व्यक्ति के साथ हो सकती है। ★★★★★★★★★★★★★★★ तुला- रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते राशि स्वरूप- तराजू जैसा, राशि स्वामी- शुक्र। 1. तुला राशि का चिह्न तराजू है और यह राशि पश्चिम दिशा की प्रतीक है, यह वायुतत्व की राशि है। शुक्र राशि का स्वामी है। इस राशि वालों को कफ की समस्या होती है। 2. इस राशि के पुरुष सुंदर, आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। आंखों में चमक व चेहरे पर प्रसन्नता झलकती है। इनका स्वभाव सम होता है। 3. ये लोग किसी भी परिस्थिति में विचलित नहीं होते, दूसरों को प्रोत्साहन देना, सहारा देना इनका स्वभाव होता है। ये व्यक्ति कलाकार होते हैं। 4. ये लोग व्यावहारिक भी होते हैं और इनके मित्र इन्हें पसंद करते हैं। 5. तुला राशि की स्त्रियां आकर्षक होती हैं। इनका स्वभाव खुशमिजाज व मुस्कान बहुत ही सुंदर होती है। बुद्धि वाले काम करने में इनकी अधिक रुचि होती है। 6. घर की साज-सज्जा और खुद को सुंदर दिखाने का शौक रहता है। कला, गायन आदि घरेलू कामों में दक्ष होती हैं। बच्चों से बेहद जुड़ाव रहता है। 7. तुला राशि के बच्चे सीधे, संस्कारी और आज्ञाकारी होते हैं। घर में रहना अधिक पसंद करते हैं। खेलकूद व कला के क्षेत्र में रुचि रखते हैं। 8. तुला राशि के लोग दुबले-पतले, लम्बे व आकर्षक व्यक्तिव वाले होते हैं। जीवन में आदर्शवाद व व्यवहारिकता में पर्याप्त संतुलन रखते हैं। 9. इनकी आवाज सभी को अच्छी लगती है। चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान छाई रहती है। 10. इन्हें ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करना बहुत अच्छा लगता है। ये अच्छे साथी हैं, चाहें वह वैवाहिक जीवन हो या व्यावसायिक जीवन। 11. अपने व्यवहार में बहुत न्यायवादी व उदार होते हैं। कला और साहित्य से जुड़े रहते हैं। इन्हें गीत, संगीत, यात्रा आदि का शौक रखने वाले व्यक्ति अधिक अच्छे लगते हैं। 12. लड़कियां आत्म विश्वास से भरपूर होती हैं। मनपसंद रंग गहरा नीला व सफेद होते हैं। वैवाहिक जीवन में स्थायित्व पसंद आता है। 13. वाद-विवाद में समय व्यर्थ नहीं करती हैं। सामाजिक पार्टियों, उत्सवों में रुचिपूर्वक भाग लेती हैं। 14. इनके बच्चे पढ़ाई या नौकरी आदि कारणों से दूर जा सकते हैं। 15. ये एक कुशल मां साबित होती हैं जो कि अपने बच्चों को उचित शिक्षा व आत्मविश्वास प्रदान करती हैं। ★★★★★★★★★★★★★★★ वृश्चिक- तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू राशि स्वरूप- बिच्छू जैसा, राशि स्वामी- मंगल। 1. वृश्चिक राशि का चिह्न बिच्छू है और यह राशि उत्तर दिशा की प्रतीक है। वृश्चिक राशि जलतत्व की राशि है। इसका स्वामी मंगल है। यह स्थिर राशि है। 2. कुंडली में मंगल की कमजोर स्थिति से रोग हो सकते हैं। ये लोग एलर्जी से भी अक्सर परेशान रहते हैं। विशेषकर जब चंद्रमा कमजोर हो। 3. वृश्चिक राशि वालों में दूसरों को आकर्षित करने की अच्छी क्षमता होती है। इस राशि के लोग बहादुर, भावुक होने के साथ-साथ कामुक भी होते हैं। 4. इनकी शारीरिक संरचना अच्छी तरह से विकसित होती है। इनके कंधे चौड़े होते हैं। इनमें शारीरिक व मानसिक शक्ति प्रचूर मात्रा में होती है। 5. इन्हें बेवकूफ बनाना आसान नहीं होता है, इसलिए कोई भी इन्हें धोखा नहीं दे सकता। ये हमेशा साफ-सुथरी और सही सलाह देने में विश्वास रखते हैं। 6. ये लोग ज्यादातर दूसरों के विचारों का विरोध करते हैं। कभी-कभी ये आदत इनके विरोध का कारण भी बन सकती है। 7. ये अक्सर विविधता की तलाश में रहते हैं। वृश्चिक राशि के लड़के बहुत कम बोलते होते हैं। इन्हें दुबली-पतली लड़कियां आकर्षित करती हैं। 8. वृश्चिक वाले एक जिम्मेदार गृहस्थ की भूमिका निभाते हैं। अति महत्वाकांक्षी और जिद्दी होते हैं। अपने रास्ते चलते हैं मगर किसी का हस्तक्षेप पसंद नहीं करते। 9. लोगों की गलतियों और बुरी बातों को याद रखते हैं और समय आने पर उनका उत्तर भी देते हैं। इनकी वाणी कटु और गुस्सा तेज होता है मगर मन साफ होता है। दूसरों में दोष ढूंढने की आदत होती है। जोड़-तोड़ की राजनीति में चतुर होते हैं। 10. इस राशि की लड़कियां तीखे नयन-नक्ष वाली होती हैं। यह ज्यादा सुन्दर न हों तब भी इनमें आकर्षण रहता है। इनका बातचीत करने का विशेष अंदाज होता है। 11. ये बुद्धिमान और भावुक होती हैं। इनकी इच्छा शक्ति बहुत दृढ़ होती है। स्त्रियां जिद्दी और अति महत्वाकांक्षी होती हैं। थोड़ी स्वार्थी प्रवृत्ति की भी होती हैं। 12. स्वतंत्र निर्णय लेना इनकी आदत में होता है। मायके से अधिक स्नेह रहता है। नौकरीपेशा होने पर अपना वर्चस्व बनाए रखती हैं। 13. इन लोगों में काम करने की क्षमता काफी अधिक होती है। वाणी की कटुता होती है, सुख-साधनों की लालसा सदैव बनी ही रहती है। 14. ये व्यक्ति जिद्दी होते हैं, काम के प्रति लगन रखते हैं। ये व्यक्ति उदार व आत्मविश्वासी भी होते है। 15. वृश्चिक राशि के बच्चे परिवार से अधिक स्नेह रखते हैं। कम्प्यूटर-टीवी का बेहद शौक होता है। दिमागी शक्ति तीव्र होती है, खेलों में इनकी रुचि होती है। ★★★★★★★★★★★★★★★ धनु- ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे राशि स्वरूप- धनुष उठाए हुए, राशि स्वामी- बृहस्पति। 1. धनु द्वि-स्वभाव वाली राशि है। इस राशि का चिह्न धनुषधारी है। यह राशि दक्षिण दिशा की प्रतीक है। 2. धनु राशि वाले काफी खुले विचारों के होते हैं। जीवन के अर्थ को अच्छी तरह समझते हैं। 3. दूसरों के बारे में जानने की कोशिश में हमेशा करते रहते हैं। 4. धनु राशि वालों को रोमांच काफी पसंद होता है। ये निडर व आत्म विश्वासी होते हैं। ये अत्यधिक महत्वाकांक्षी और स्पष्टवादी होते हैं। 5. स्पष्टवादिता के कारण दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचा देते हैं। 6. इनके अनुसार जो इनके द्वारा परखा हुआ है, वही सत्य है। इसीलिए इनके मित्र कम होते हैं। ये धार्मिक विचारधारा से दूर होते हैं। 7. धनु राशि के लड़के मध्यम कद-काठी के होते हैं। इनके बाल भूरे व आंखें बड़ी-बड़ी होती हैं। इनमें धैर्य की कमी होती है। 8. इन्हें मेकअप करने वाली लड़कियां पसंद हैं। इन्हें भूरा और पीला रंग प्रिय होता है। 9. अपनी पढ़ाई और करियर के कारण अपने जीवन साथी और विवाहित जीवन की उपेक्षा कर देते हैं। पत्नी को शिकायत का मौका नहीं देते और घरेलू जीवन का महत्व समझते हैं। 10. धनु राशि की लड़कियां लंबे कदमों से चलने वाली होती हैं। ये आसानी से किसी के साथ दोस्ती नहीं करती हैं। 11. ये एक अच्छी श्रोता होती हैं और इन्हें खुले और ईमानदारी पूर्ण व्यवहार के व्यक्ति पसंद आते हैं। इस राशि की स्त्रियां गृहणी बनने की अपेक्षा सफल करियर बनाना चाहती है। 12. इनके जीवन में भौतिक सुखों की महत्ता रहती है। सामान्यत: सुखी और संपन्न जीवन व्यतीत करती हैं। 13. इस राशि के व्यक्ति ज्यादातर अपनी सोच का विस्तार नहीं करते एवं कई बार कन्फयूज रहते हैं। एक निर्णय पर पंहुचने पर इनको समय लगता है एवं यह देरी कई बार नुकसानदायक भी हो जाती है। 14. ज्यादातर यह लोग दूसरों के मामलों में दखल नहीं देते एवं अपने काम से काम रखते हैं। 15. इनका पूरा जीवन लगभग मेहनत करके कमाने में जाता है या यह अपने पुश्तैनी कार्य को ही आगे बढाते हैं। ★★★★★★★★★★★★★★★ मकर- भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी राशि स्वरूप- मगर जैसा, राशि स्वामी- शनि। 1. मकर राशि का चिह्न मगरमच्छ है। मकर राशि के व्यक्ति अति महत्वाकांक्षी होते हैं। यह सम्मान और सफलता प्राप्त करने के लिए लगातार कार्य कर सकते हैं। 2. इनका शाही स्वभाव व गंभीर व्यक्तित्व होता है। आपको अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए बहुत कठिन परिश्रम करना पड़ता है। 3. इन्हें यात्रा करना पसंद है। गंभीर स्वभाव के कारण आसानी से किसी को मित्र नहीं बनाते हैं। इनके मित्र अधिकतर कार्यालय या व्यवसाय से ही संबंधित होते हैं। 4. सामान्यत: इनका मनपसंद रंग भूरा और नीला होता है। कम बोलने वाले, गंभीर और उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों को ज्यादा पसंद करते हैं। 5. ईश्वर व भाग्य में विश्वास करते हैं। दृढ़ पसंद-नापसंद के चलते इनका वैवाहिक जीवन लचीला नहीं होता और जीवनसाथी को आपसे परेशानी महसूस हो सकती है। 6. मकर राशि के लड़के कम बोलने वाले होते हैं। इनके हाथ की पकड़ काफी मजबूत होती है। देखने में सुस्त, लेकिन मानसिक रूप से बहुत चुस्त होते हैं। 7. प्रत्येक कार्य को बहुत योजनाबद्ध ढंग से करते हैं। 8. आपकी खामोशी आपके साथी को प्रिय होती है। अगर आपका जीवनसाथी आपके व्यवहार को अच्छी तरह समझ लेता है तो आपका जीवन सुखपूर्वक व्यतीत होता है। 9. आप जीवन साथी या मित्रों के सहयोग से उन्नति प्राप्त कर सकते हैं। 10. मकर राशि की लड़कियां लम्बी व दुबली-पतली होती हैं। यह व्यायाम आदि करना पसंद करती हैं। लम्बे कद के बाबजूद आप ऊंची हिल की सैंडिल पहनना पसंद करती हैं। 11. पारंपरिक मूल्यों पर विश्वास करने वाली होती हैं। छोटे-छोटे वाक्यों में अपने विचारों को व्यक्त करती हैं। 12. दूसरों के विचारों को अच्छी तरह से समझ सकती हैं। इनके मित्र बहुत होते हैं और नृत्य की शौकिन होती हैं। 13. इनको मजबूत कद-कठी के व्यक्ति बहुत आकर्षित करते हैं। अविश्वसनीय संबंधों में विश्वास नहीं करती हैं। 14. अगर आप करियर वुमन हैं तो आप कार्य क्षेत्र में अपना अधिकतर समय व्यतीत करती हैं। 15. आप अपने घर या घरेलू कार्यों के विषय में अधिक चिंता नहीं करती है ★★★★★★★★★★★★★★★ कुंभ- गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा राशि स्वरूप- घड़े जैसा, राशि स्वामी- शनि। 1. राशि चक्र की यह ग्यारहवीं राशि है। कुंभ राशि का चिह्न घड़ा लिए खड़ा हुआ व्यक्ति है। इस राशि का स्वामी भी शनि है। शनि मंद ग्रह है तथा इसका रंग नीला है। इसलिए इस राशि के लोग गंभीरता को पसंद करने वाले होते हैं एवं गंभीरता से ही कार्य करते हैं। 2. कुंभ राशि वाले लोग बुद्धिमान होने के साथ-साथ व्यवहारकुशल होते हैं। जीवन में स्वतंत्रता के पक्षधर होते हैं। प्रकृति से भी असीम प्रेम करते हैं। 3. शीघ्र ही किसी से भी मित्रता स्थपित कर सकते हैं। आप सामाजिक क्रियाकलापों में रुचि रखने वाले होते हैं। इसमें भी साहित्य, कला, संगीत व दान आपको बेहद पसंद होता हैं। 4. इस राशि के लोगों में साहित्य प्रेम भी उच्च कोटि का होता है। 5. आप केवल बुद्धिमान व्यक्तियों के साथ बातचीत पसंद करते हैं। कभी भी आप अपने मित्रों से असमानता का व्यवहार नहीं करते हैं। 6. आपका व्यवहार सभी को आपकी ओर आकर्षित कर लेता है। 7. कुंभ राशि के लड़के दुबले होते हैं। आपका व्यवहार स्नेहपूर्ण होता है। इनकी मुस्कान इन्हें आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करती है। 8. इनकी रुचि स्तरीय खान-पान व पहनावे की ओर रहती है। ये बोलने की अपेक्षा सुनना ज्यादा पसंद करते हैं। इन्हें लोगों से मिलना जुलना अच्छा लगता है। 9. अपने व्यवहार में बहुत ईमानदार रहते हैं, इसलिये अनेक लड़कियां आपकी प्रशंसक होती हैं। आपको कलात्मक अभिरुचि व सौम्य व्यक्तित्व वाली लड़कियां आकर्षित करती हैं। 10. अपनी इच्छाओं को दूसरों पर लादना पसंद नहीं करते हैं और अपने घर परिवार से स्नेह रखते हैं। 11. कुंभ राशि की लड़कियां बड़ी-बड़ी आंखों वाली व भूरे बालों वाली होती हैं। यह कम बोलती हैं, इनकी मुस्कान आकर्षक होती है। 12. इनका व्यक्तित्व बहुत आकर्षक होता है, किन्तु आसानी से किसी को अपना नहीं बनाती हैं। ये अति सुंदर और आकर्षक होती हैं। 13. आप किसी कलात्मक रुचि, पेंटिग, काव्य, संगीत, नृत्य या लेखन आदि में अपना समय व्यतीत करती हैं। 14. ये सामान्यत: गंभीर व कम बोलने वाले व्यक्तियों के प्रति आकर्षित होती हैं। 15. इनका जीवन सुखपूर्वक व्यतित होता है, क्योंकि ये ज्यादा इच्छाएं नहीं करती हैं। अपने घर को भी कलात्मक रूप से सजाती हैं। ✔मीन- दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची राशि स्वरूप- मछली जैसा, राशि स्वामी- बृहस्पति। 1. मीन राशि का चिह्न मछली होता है। मीन राशि वाले मित्रपूर्ण व्यवहार के कारण अपने कार्यालय व आस पड़ोस में अच्छी तरह से जाने जाते हैं। 2. आप कभी अति मैत्रीपूर्ण व्यवहार नहीं करते हैं। बल्कि आपका व्यवहार बहुत नियंत्रित रहता है। ये आसानी से किसी के विचारों को पढ़ सकते हैं। 3. अपनी ओर से उदारतापूर्ण व संवेदनाशील होते हैं और व्यर्थ का दिखावा व चालाकी को बिल्कुल नापसंद करते हैं। 4. एक बार किसी पर भी भरोसा कर लें तो यह हमेशा के लिए होता है, इसीलिये आप आपने मित्रों से अच्छा भावानात्मक संबंध बना लेते हैं। 5. ये सौंदर्य और रोमांस की दुनिया में रहते हैं। कल्पनाशीलता बहुत प्रखर होती है। अधिकतर व्यक्ति लेखन और पाठन के शौकीन होते हैं। आपको नीला, सफेद और लाल रंग-रूप से आकर्षित करते हैं। 6. आपकी स्तरीय रुचि का प्रभाव आपके घर में देखने को मिलता है। आपका घर आपकी जिंदगी में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 7. अपने धन को बहुत देखभाल कर खर्च करते हैं। आपके अभिन्न मित्र मुश्किल से एक या दो ही होते हैं। जिनसे ये अपने दिल की सभी बातें कह सकते हैं। ये विश्वासघात के अलावा कुछ भी बर्दाश्त कर सकते हैं। 8. मीन राशि के लड़के भावुक हृदय व पनीली आंखों वाले होते हैं। अपनी बात कहने से पहले दो बार सोचते हैं। आप जिंदगी के प्रति काफी लचीला दृटिकोण रखते हैं। 9. अपने कार्य क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिये परिश्रम करते हैं। आपको बुद्धिमान और हंसमुख लोग पसंद हैं। 10. आप बहुत संकोचपूर्वक ही किसी से अपनी बात कह पाते हैं। एक कोमल व भावुक स्वभाव के व्यक्ति हैं। आप पत्नी के रूप में गृहणी को ही पसंद करते हैं। 11. ये खुद घरेलू कार्यों में दखलंदाजी नहीं करते हैं, न ही आप अपनी व्यावसायिक कार्य में उसका दखल पसंद करते हैं। आपका वैवाहिक जीवन अन्य राशियों की अपेक्षा सर्वाधिक सुखमय रहता है। 12. मीन राशि की लड़कियां भावुक व चमकदार आंखों वाली होती हैं। ये आसानी से किसी से मित्रता नहीं करती हैं, लेकिन एक बार उसकी बातों पर विश्वास हो जाए तो आप अपने दिल की बात भी उससे कह देती हैं। 13. ये स्वभाव से कला प्रेमी होती हैं। एक बुद्धिमान व सभ्य व्यक्ति आपको आकर्षित करता है। आप शांतिपूर्वक उसकी बात सुन सकती हैं और आसानी से अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं करती हैं। 14. अपनी मित्रता और वैवाहिक जीवन में सुरक्षा व दृढ़ता रखना पसंद करती हैं। ये अपने पति के प्रति विश्वसनीय होती है और वैसा ही व्यवहार अपने पति से चाहती हैं। 15. आपको ज्योतिष आदि में रुचि हो सकती है। आपको नई-नई चीजें सीखने का शौक होता है।

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