जानवर ओर उनकी परेशानियां
*लड़ाई या कठिन परिस्थिति में घिर जाने पर जानवर क्या करते हैं ?* *आईये मनोविज्ञान के अध्ययन के द्वारा इसे जानने की कोशिश करें ।* *खतरे में फंस कर जानवर तीन तरह से व्यवहार करते हैं, फाईट, फ्लाईट या फ्रीज।* *फाईट यानि लड़ना , जिसे कहते हैं, मुसीबत का डटकर मुकाबला करना ।* *फ्लाईट यानि भाग जाना । जिसे कहते हैं दुम दबाकर डरकर भाग जाना ।* *फ्रीज यानि वहीं जड़ हो जाना । जिसे कहते हैं, डर से लकवा मार जाना ।* *लड़ाई में आमना सामना होने पर कुछ जानवर लड़ना पसंद करते हैं । जैसे, शेर, भालू, हाथी आदि। चाहे दुशमन कैसा भी ताकतवर क्यों न हो, यह भिड़ जाते हैं ।* *कुछ जानवर जब ताकतवर या हिंसक जानवर से घिर जाते हैं तो जान बचाने के लिए भागना पसंद करते हैं । जैसे कि, हिरण, खरगोश, बकरी आदि।* *अब तीसरे तरह के जंतु भी होते हैं । यह जब खतरा देखते हैं तो शांत बैठ जाते हैं । जैसे कि शतुरमुर्ग खतरा देखकर रेत में सिर छुपा लेता है । कबूतर के पास यदि बिल्ली आ जाए तो अपनी आंख बंद कर लेता है। यह सोचते हैं कि मेरे आंख बंद कर लेने से मुसीबत टल जाएगी । पर वह नहीं टलती व बिल्ली शांत बैठे कबूतर को ग्रास बना लेती है ।* *🚩 हिंदू भी इन तीन प्रकार के होते हैं ।* *फाईट प्रवृति वाले यानि कट्टर हिंदु। जोकि जानते हैं विदेशी ताकतों जैसे कि इसलाम व इसाई धर्म ने हमको हिंदुस्थान में ही दबाना शुरू कर दिया है ।अतः कट्टर हिंदू इनसे अपने धर्म या जीवन को बचाने के लिए संघर्ष करते हैं । यह दूसरे धर्म की बुराईयों की बात करने से नहीं डरते।* *दूसरे होते हैं फ्लाईट या कायर हिंदू, जिन्हें हम सेकुलर कहते हैं । यह कहीं भी आमना सामना होने पर सेकुलरिज्म की दुहाई देंगे व अपनी कायरता को सेकुलर के आवरण में छुपाने का प्रयास करेंगे। यह कहेंगे कि मुसलमान तो एसे ही होते हैं , तुम उनसे दूर रहा करो। यह हिंदू जहां भी मौका पढ़ेगा, भागकर सबसे पहले अपनी जान बचाऐंगे । यह अपने धर्म की बुराई सुन लेंगे पर दूसरे धर्मों की गलती को भी सर आंखों पर बिठाऐंगे।* *तीसरे होते हैं फ्रीज प्रवृत् के यानि मृतप्राय हिंदू । विरोधी संप्रदाय की भीड़ को देखकर ही इनके हाथ पांव ठंडे पड़ जाते हैं । इनके धर्म की इनके सामने बुराई करो या जूते मारो इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता । इन्हें कुछ ले देकर धर्म परिवर्तन करवा लो तो भी तैयार हैं ।* *आप समझिए आप इन तीन में से किस में फिट होते हैं
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