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Showing posts from October, 2018

आखिरी चट्टान - मोहन राकेश

                    आखिरी चट्टान | ( मोहन राकेश )   परिचय - मोहन राकेश ( असली नाम मदनमोहन मुगलानी ) का जन्म अमृतसर में सन् 1925 में हुआ । उन्होंने पहले आरिएंटल कालेज , लाहौर से संस्कृत में एम . ए . किया और विभाजन के बाद जालन्धर आये । फिर पंजाब विश्वविद्यालय से एम . ए . किया । जीविकोपार्जन के लिए कुछ वर्षों अध्यापन कार्य किया , किन्तु लाहौर , मुम्बई , जालन्धर और दिल्ली में रहते हुए कहीं भी स्थायी रूप से नहीं रहे । इन्होंने कुछ समय तक ‘ सारिका ' पत्रिका का सम्पादन किया । ये ' नयी कहानी ' आन्दोलन के अग्रणी कथाकार माने जाते हैं । मोहन राकेश बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे । उन्होंने उपन्यास , नाटक , कहानी , निबन्ध एवं यात्रा - वृत्तान्त आदि सभी विधाओं पर लेखनी चलायी । इनका सन् 1972 में असमय निधन हुआ ।  आषाढ़ का सारा दिन ' , ' लहरों के राजहंस ' तथा ' आधे - अधूरे ' इनके चर्चित नाटक हैं , जो रंगमंच की दृष्टि से पूर्ण सफल हैं । ' अंधेरे बन्द कमरे ' , ' अन्तराल ' , ‘ न आने वाला कल ' उनके उपन्यास तथा ' इंसान के खण्डहर ' , ' नये बादल '

किस्मत ओर काबिलियत

एक हसीन लडकी राजा के दरबार में डांस कर रही थी... ( राजा बहुत बदसुरत था ) लडकी ने राजा से एक सवाल की इजाजत मांगी . राजा ने कहा , " चलो पुछो ." . लडकी ने कहा , "जब हुस्न बंट रहा था तब आप कहां थे..?? . राजा ने गुस्सा नही किया बल्कि मुस्कुराते हुवे कहा ~ जब तुम हुस्न की लाइन् में खडी हुस्न ले रही थी , ~ . ~ तो में किस्मत की लाइन में खडा किस्मत ले रहा था . और आज तुझ जैसीे हुस्न वालीयां मेरी गुलाम की तरह नाच रही है........... . इसलीय शायर खुब कहते है, . " हुस्न ना मांग नसीब मांग ए दोस्त , हुस्न वाले तो अक्सर नसीब वालों के गुलाम हुआ करते है... " जो भाग्य में है , वह भाग कर आएगा, जो नहीं है , वह आकर भी भाग जाएगा....!!!!!." य

आज की सरकारें कैसी है एक अच्छा उदाहरण

*एक अँधा....* भीख मांगता हुआ राजा के द्वार पर पंहुचा। *राजा को दया आ गयी,* राजा ने प्रधानमंत्री से कहा,- *"यह भिक्षुक जन्मान्ध नहीं है, यह ठीक हो सकता है, इसे राजवैद्य के पास ले चलो।"* रास्ते में मंत्री कहता है, "महाराज *यह भिक्षुक शरीर से हृष्ट-पुष्ट है,* यदि इसकी रोशनी लौट आयी तो इसे *आपका सारा भ्र्ष्टाचार दिखेगा*, आपकी शानोशौकत और फिजूलखर्ची दिखेगी। *आपके राजमहल की विलासिता और रनिवास का अथाह खर्च दिखेगा,* इसे यह भी दिखेगा कि जनता भूख और प्यास से तड़प रही है, सूखे से अनाज का उत्पादन हुआ ही नहीं, और आपके *सैनिक पहले से चौगुना लगान वसूल रहे हैं।* शाही खर्चे में बढ़ोत्तरी के कारण *राजकोष रिक्त हो रहा है,* जिसकी भरपाई हम सेना में कटौती करके कर रहे हैं, इससे हजारों *सैनिक और कर्मचारी बेरोजगार* हो गए हैं। ठीक होने पर यह *भी औरों की तरह ही रोजगार की मांग करेगा* और आपका ही विरोधी बन जायेगा। मेरी मानिये तो..... *_यह आपसे मात्र दो वक्त का भोजन ही तो मांगता है,_* इसे आप राजमहल में बैठाकर *मुफ्त में सुबह-शाम भोजन कराइये,* और दिन भर इसे *घूमने के लिए छोड़ दीजिये।* यह _पूरे

मुस्कुराहट का महत्व

*मुस्कुराहट का महत्व* _अगर आप एक अध्यापक हैं और जब आप मुस्कुराते हुए कक्षा में प्रवेश करेंगे तो देखिये सारे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान छा जाएगी। _अगर आप डॉक्टर हैं और मुस्कराते हुए मरीज का इलाज करेंगे तो मरीज का आत्मविश्वास दोगुना हो जायेगा। _अगर आप एक ग्रहणी है तो मुस्कुराते हुए घर का हर काम किजिये फिर देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा। _अगर आप घर के मुखिया है तो मुस्कुराते हुए शाम को घर में घुसेंगे तो देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा। _अगर आप एक बिजनेसमैन हैं और आप खुश होकर कंपनी में घुसते हैं तो देखिये सारे कर्मचारियों के मन का प्रेशर कम हो जायेगा और माहौल खुशनुमा हो जायेगा। _अगर आप दुकानदार हैं और मुस्कुराकर अपने ग्राहक का सम्मान करेंगे तो ग्राहक खुश होकर आपकी दुकान से ही सामान लेगा। _कभी सड़क पर चलते हुए अनजान आदमी को देखकर मुस्कुराएं, देखिये उसके चेहरे पर भी मुस्कान आ जाएगी। *मुस्कुराइए* क्यूंकि मुस्कराहट के पैसे नहीं लगते ये तो ख़ुशी और संपन्नता की पहचान है। *मुस्कुराइए* क्यूंकि आपकी मुस्कराहट कई चेहरों पर मुस्कान लाएगी। *मुस्कुराइ

कोंग्रेस ओर बी. जे. पी. की लिस्ट जारी

कांग्रेस की पहली लिस्ट जारी हेमाराम चौधरी अमीन खान मैवाराम जैन हरीश चौधरी के नाम हुए फाइनल। पचपदरा चौहटन सिवाना में असमंजस बरकरार फतेहपुर - हाकम अली नवलगढ़ - राजकुमार शर्मा झुंझुनू - विजेंद्र ओला सूरजगढ़ - श्रवण कुमार राजगढ़ - कृष्णा पूनिया नोखा - रामेश्वर डूडी श्रीडूंगरगढ़ - मंगला राम गोदारा बाड़मेर मेवाराम जैन शिव - अमीन खान गुढामलानी - हेमा राम बायतू - हरीश चौधरी कोटा उत्तर - शांति धारीवाल हनुमानगढ़ - विनोद कुमार बागीदौरा - महेन्द्रजीत सिंह अंता - प्रमाद जैन बड़ी सादड़ी - प्रकाश चंद्र चौधरी सरदारशहर भंवर लाल सुजानगढ़ - भंवरलाल तारानगर - चन्द्रशेखर बैद करणपुर - गुरमीत सिंह मेडता - लक्ष्मण राम जहाजपुर - धीरज गुर्जर मांडलगढ - विवेक धाकड डीग कुम्हेर - विश्वेन्द्र सिंह पुष्कर - नसीम अख्तर कांमा - जाहिदा खान सरदारपुरा - अशोक गहलोत अलवर - टीकाराम जूली बानसूर शकुन्तला रावत श्रीमाधेपुर - दीपेन्द्रसिंह शेखावत

क्या है स्टैच्यू_ऑफ_यूनिटी

#स्टैच्यू_ऑफ_यूनिटी #लौह_पुरुष #सरदार_वल्लभ_भाई_पटेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की महत्वकांक्षी परियोजना स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा अब पूरी तरह बन कर तैयार है. 31 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री मोदी इसका उद्घाटन करने वाले है. आइए जानते है इस प्रतिमा से जुड़ी कुछ खास बातें ★ गुजरात सरकार द्वारा 7 अक्टूबर 2010 को इस परियोजना की घोषणा की गयी थी. ★ गुजरात के मुख्यमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2013 को सरदार पटेल के जन्मदिवस के मौके पर इस विशालकाय मूर्ति के निर्माण का शिलान्यास किया. ★ यह स्मारक सरदार सरोवर बांध से 3.2 किमी की दूरी पर साधू बेट नामक स्थान पर है जो कि नर्मदा नदी पर एक टापू है. ★ प्रतिमा का निर्माण इस्पात के फ्रेम, प्रबलित सीमेण्ट कंक्रीट और काँसे की पर्त चढ़ाकर किया गया है. ★ टर्नर कन्स्ट्रक्शन, जो बुर्ज ख़लीफ़ा के सलाहकार थे, उन्हीं के सहयोगी संगठन - माइकल ग्रेव्स एण्ड एसोशिएट्स एवं मीनहार्ड ग्रुप दोनों मिलकर पूरी परियोजना की निगरानी की है. ★ पूरी परियोजना में प्रतिमा और अन्य भवन, जिनमें स्मारक, आगन्तुक क

31 अक्टूबर सरदार पटेल का जन्मदिन

31 अक्तूबर/जन्म-दिवस लौहपुरुष सरदार पटेल 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों ने भारत को स्वाधीन तो कर दिया; पर जाते हुए वे गृहयुद्ध एवं अव्यवस्था के बीज भी बो गये। उन्होंने भारत के 600 से भी अधिक रजवाड़ों को भारत में मिलने या न मिलने की स्वतन्त्रता दे दी। अधिकांश रजवाड़े तो भारत में स्वेच्छा से मिल गये; पर कुछ आँख दिखाने लगे। ऐसे में जिसने इनका दिमाग सीधाकर उन्हें भारत में मिलाया, उन्हें हम लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से जानते हैं। वल्लभभाई का जन्म 31 अक्तूबर, 1875 को हुआ था। इनके पिता श्री झबेरभाई पटेल ग्राम करमसद (गुजरात) के निवासी थे। उन्होंने भी 1857 में रानी झाँसी के पक्ष में युद्ध किया था। इनकी माता लाड़ोबाई थीं। बचपन से ही ये बहुत साहसी एवं जिद्दी थे। एक बार विद्यालय से आते समय ये पीछे छूट गये। कुछ साथियों ने जाकर देखा, तो ये धरती में गड़े एक नुकीले पत्थर को उखाड़ रहे थे। पूछने पर बोले - इसने मुझे चोट पहुँचायी है, अब मैं इसे उखाड़कर ही मानूँगा। और वे काम पूरा कर ही घर आये। एक बार उनकी बगल में फोड़ा निकल आया। उन दिनों गाँवों में इसके लिए लोहे की सलाख को लालकर उससे फोड़

सुप्रीम कोर्ट पर बयान अनिल विज का

अयोध्या मामले पर हरियाणा के मंत्री का तंज: ‘सुप्रीम कोर्ट महान है’* अयोध्या मामले की सुनवाई अगले साल जनवरी तक टलने के बाद हरियाणा के मंत्री और बीजेपी नेता अनिल विज ने सुप्रीम कोर्ट पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि न्यायालय मुंबई आतंकी हमले के दोषी याकूब मेमन की फांसी को टालने के अनुरोध पर देर रात भी सुनवाई कर सकता है। विज ने ट्वीट कर इस वाक्य को दो बार लिखा, 'सुप्रीम कोट महान है।' उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट महान है। चाहे तो 29 जुलाई 2014 को 1993 मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेनन की फांसी की सजा टालने के लिए कोर्ट का दरवाजा रात को खोल दे और चाहे तो राम मंदिर जिसके लिए करोड़ों भारतवासी टकटकी लगाए इंतजार कर रहे हों, उसको तारीख दे दे-सुप्रीम कोर्ट महान है। अंबाला में मीडिया से बात करते हुए भी विज ने इसी प्रकार की टिप्पणी की। उन्होंने कहा, 'यह याकूब मेमन मामले की सुनवाई के लिए मध्य रात्रि तक जागा रह सकता है तथा यह राम जन्मभूमि मालिकाना हक मामले की सुनवाई को तीन माह के लिए टाल सकता है, जबकि करोड़ों लोग इसकी प्रतीक्षा कर रहे पसंद करने के लिए इस मैसेज को reply करें और टाइ

मालेगांव बम ब्लास्ट ओर अपराधी

मालेगांव ब्लास्ट केस: सातों आरोपियों पर षड्यंत्र और हत्या के आरोप तय 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में सातों आरोपियों के खिलाफ मंगलवार को आरोप तय कर लिए गए। मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा और अन्य पांच लोगों के खिलाफ आतंकी षड्यंत्र, हत्या और इससे संबंधित अपराधों जैसे आरोप तय किए। हालांकि, सभी आरोपियों ने खुद को बेगुनाह बताया है। कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा के अलावा इसमें मेजर रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी शामिल हैं। इन सभी पर यूएपीए की धारा 18 (आतंकी हमले को अंजाम देना) और 16 (आतंकी हमले की साजिश करना) के अलावा विस्फोटक कानून की धारा 3, 4, 5 और 6 के तहत आरोप तय हुए हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तारीख 2 नवंबर को दी है। अभी 22 अक्टूबर को ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई रोजाना करने के निर्देश दिए हैं। साध्वी प्रज्ञा ने आरोप तय होने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि 'एनआईए ने पहले मुझे क्लीन चिट दे दी थी। ये कांग्रेस की साजिश थी। लेकिन मुझे विश्वास है कि मैं निर्दोष साबित होऊंगी क्

भाजपा और राम मंदिर

#भाजपा यदि मंदिर बनाने के लिए सचमुच ही इच्छुक है तो आज का दिन उसे खुशी से #नाचने का दिन है। क्योंकी #सुप्रीम कोर्ट ने उसे अपने एजेंडा पुरा करने का भरपूर समय दे दिया है। यदि भाजपा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निगाह रखेगी तो उसे #निराशा के अलावा कुछ हासिल नही होगा। ॰.. ऐसे में भाजपा के पास एक ही #मार्ग बचा है कि वह मंदिर निर्माण के लिए सदन के आगामी सत्र में एक #विधेयक रखे। अगर भाजपा ऐसा करती है, तो उसे इससे काफी फायदा होगा। दरअसल, अगर सरकार #सदन में मंदिर के लिए #विधेयक रखती है, तो #हिंदू धर्म को मानने वालों में यह संदेश जाएगा कि सरकार #मंदिर निर्माण चाहती है, वहीं इस समय विपक्ष जिस तरह से मंदिर की राजनीति कर रहा है, उसे भी अपना मत स्पष्ट करना होगा। ॰ ...अगर #खनग्रेस #विधेयक का विरोध करती है, तो सरकार को कांग्रेस को इस मसले पर #घेरने का मौका मिल जाएगा और अगर कांग्रेस अपने #हिंदुत्व के नए एजेंडे के तहत #वि​धेयक का समर्थन करती है, तो उसकी #महागठबंधन की #कोशिशों को झटका लगेगा और हो सकता है कि #गठबंधन बिखर भी जाए। अगर ऐसा हुआ, तब भी #बीजेपी को इसका फायदा मिलेगा और वह आगामी चुनावों में फिर से #

30 अक्टूबर 1990 का दर्द

30 अक्टूबर 1990 || कारसेवकों के बलिदान के 28 वर्ष || आज ही के दिन अयोध्या में मुलायम सिंह यादव की सरकार ने निहत्थे कारसेवकों पर गोलिया चलवाई थी जिसमे अनेक कारसेवक शहीद हो गए थे. आइये अब आप सब को बताते है की उस दिन अयोध्या में हुआ क्या था ??? ३० अक्टूबर १९९० को विश्व हिन्दू परिषद् ने गुम्बद नुमा ईमारत को हटाने के लिए कारसेवा की शुरुआत की. आल इंडिया बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ,कांग्रेस पार्टी,मार्क्सवादी पार्टी और कुछ छद्म धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के द्वारा इस कारसेवा को समूचे विश्व में मस्जिद के लिए खतरा बताया गया. जबकि ये सर्वविदित है की अयोध्या "राम लला" की जन्मस्थली है और उस जन्मस्थली को तोड़कर वह एक अवैध मस्जिद नुमा ईमारत का निर्माण किया गया था. परन्तु मुस्लिम वोटो के लालच में तत्कालीन प्रधानमंत्री "विपी सिंह" और उस समय के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री "मुल्ला-यम सिंह" मस्जिद बचाने की दौड़ में शामिल हो गए. लगभग ४० हजार CRPF के जवान और २ लाख ६५ हजार सुरक्षा बलों के भारी भरकम सुरक्षा के बावजूद लगभग १ लाख कारसेवक सुबह के ७ बजे अयोध्या पहुँच

नेशनल हेराल्ड की कहानी

*एक मजेदार कहानी* नेहरू जी ने *"नेशनल हेराल्ड"* नामक अखबार 1930 में शुरू किया। सन् 2000 में यह अखबार *घाटे* में चला गया और इस पर *90 करोड़ का कर्जा* हो गया । *नेशनल हेराल्ड* के तत्कालीन डायरेक्टर्स सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और मोतीलाल वोरा ने इस अखबार को *यंग इंडिया लिमिटेड* नामक कंपनी को बेचने का निर्णय लिया। अब मज़े की बात सुनिये, *यंग इंडिया* के डायरेक्टर्स थे, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, ऑस्कर फर्नांडीज़ और मोतीलाल वोरा। डील यह थी कि *यंग इंडिया, नेशनल हेराल्ड* के 90 करोड़ के कर्ज़ को चुकाएगी और बदले में *5000 करोड़ रुपए* की अचल संपत्ति यंग इंडिया को मिलेगी। इस डील को फाइनल करने के लिए *मोती लाल वोरा ने "तत्काल" मोतीलाल वोरा* से बात की, क्योंकि वह अकेले *दोनों* ही कंपनियों के डायरेक्टर्स थे। अब यहाँ एक और *नया मोड़* आता है। 90 करोड़ का कर्ज़ चुकाने के लिए *यंग इंडिया* ने *कांग्रेस पार्टी* से 90 करोड़ का लोन माँगा। इसके लिये *कांग्रेस पार्टी* ने एक *"मीटिंग"* बुलाई जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और कांग्रेस पार्टी के महासचिव शामिल हुए। औ

एक अपील : जरूर पढ़ें

मित्रो, *भिखारी को (खाना+पानी) तो देंगे पर एक भी रुपया भीख नही देंगे।* दादर स्टेशन पर एक अनोखा आंदोलन देखा गया है "किसी भी प्रकार के भिखारी को भीख न दे" और मुझे ये आंदोलन सही लगता है, हम शपथ ले कि आज से भीख मांगते हुए किसी भी प्रकार के(स्त्री/पुरुष/बुजुर्ग/अपंग/बच्चे) भिखारी को (खाना+पानी) तो देंगे पर एक भी रुपया भीख नही देंगे। इससे होगा ये की "अंतरराष्ट्रीय/राष्ट्रीय/ राज्यकीय स्तर पर भिखारियों" की टोली चलाने वाले गुटों की आर्थिक रूप से कमर टूट जाएगी एवं छोटे बच्चों के अपहरण जैसी वारदाते अपने आप बंद हो जाएंगी। गुनाहगारों की दुनिया से इस तरह के दलों का अंत हो सकेगा। ये सोच है अगर आप भी सहमत है तो इस अभियान से जुड़े।

अच्छी जिंदगी कैसे जिये

जो चाहा कभी पाया नहीं, जो पाया कभी सोचा नहीं, जो सोचा कभी मिला नहीं, जो मिला रास आया नहीं, जो खोया वो याद आता है, पर जो पाया संभाला जाता नहीं , क्यों अजीब सी पहेली है ज़िन्दगी, जिसको कोई सुलझा पाता नहीं... जीवन में कभी समझौता करना पड़े तो कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि, झुकता वही है जिसमें जान होती है, अकड़ तो मुरदे की पहचान होती है। ज़िन्दगी जीने के दो तरीके होते है! पहला: जो पसंद है उसे हासिल करना सीख लो.! दूसरा: जो हासिल है उसे पसंद करना सीख लो.! जिंदगी जीना आसान नहीं होता; बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता.! जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है; कभी हंसती है तो कभी रुलाती है; पर जो हर हाल में खुश रहते हैं; जिंदगी उनके आगे सर झुकाती है। चेहरे की हंसी से हर गम चुराओ; बहुत कुछ बोलो पर कुछ ना छुपाओ; खुद ना रूठो कभी पर सबको मनाओ; राज़ है ये जिंदगी का बस जीते चले जाओ। "गुजरी हुई जिंदगी कभी याद न कर, तकदीर मे जो लिखा है उसकी फर्याद न कर... जो होगा वो होकर रहेगा, तु कल की फिकर मे अपनी आज की हसी बर्बाद न कर... हंस मरते हुये भी गाता है और मोर नाचते हुये भी रोता है....

महेंदी ओर महजब एक सच

बेहद सावधान शहरों में जगह जगह हाई प्रोफाइल localities में कम उम्र, वयस्क युवतियां और महिलाएं आपको मेहंदी लगवाती दिख जाएंगी ! करवाचौथ और त्यौहारी सीजन में तो इतनी भीड़ हो जाती है कि मेहंदी लगाने वाले लड़के मुँह मांगे पैसे वसूल करते हैं ! आज ही मैंने देखा कि 4 लड़के 4 लड़कियों के हाथों में मेहंदी लगा रहे थे और काफी स्मार्ट और मेन्टेन लग रहे थे ! मेरी समझ में ये नहीं आया कि क्या उन स्मार्ट पड़ी लिखी लड़कियों को ये नही दिखता कि गली गली यूँ मेहँदी लगाने वालों के पास इतना सजने सवरने के लिए समय और पैसा कहाँ से आता होगा । या इनके पास पैसा है तो ये छोटा सा काम क्यों कर रहे हैं । 4 लड़के मेहँदी लगा रहे थे मैं इस तरह वहाँ खड़ा हो गया कि वो लड़के मुझे किसी युवती का भाई या कोई रिश्तेदार समझें ! एक युवक ने मेहंदी लगाने के बाद युवती से कहा कि "आपका हाथ गज़ब लग रहा है मैडम ", युवती शर्मा गई और युवक ने आँखों-आँखों में मुस्कान फेंकी ! और कुछ न कुछ ऐसे बोलना कि वो नव योवनाएं उनसे प्रभावित हों। फिर युवती गदगद मन से शायद 200 रु देकर मेहंदी लगा हाथ सँभालते हुए रवाना हो गई ! शहरी क्षेत्र में अनेक इ

उम्र और उसकी खाशीयत

1. चालीस साल की अवस्था में "उच्च शिक्षित" और "अल्प शिक्षित" एक जैसे ही होते हैं। (ब्लकि अल्प शिक्षित अधिक कमा लेते हैं) 2. पचास साल की अवस्था में "रूप" और "कुरूप" एक जैसे ही होते हैं। (आप कितने ही सुन्दर क्यों न हों झुर्रियां, आँखों के नीचे के डार्क सर्कल छुपाये नहीं छुपते) 3. साठ साल की अवस्था में "उच्च पद" और "निम्न पद" एक जैसे ही होते हैं।(चपरासी भी अधिकारी के सेवा निवृत्त होने के बाद उनकी तरफ़ देखने से कतराता है) 4. सत्तर साल की अवस्था में "बड़ा घर" और "छोटा घर" एक जैसे ही होते हैं। (घुटनों का दर्द और हड्डियों का गलना आपको बैठे रहने पर मजबूर कर देता है, आप छोटी जगह में भी गुज़ारा कर सकते हैं) 5. अस्सी साल की अवस्था में आपके पास धन का "होना" या "ना होना" एक जैसे ही होते हैं। ( अगर आप खर्च करना भी चाहें, तो आपको नहीं पता कि कहाँ खर्च करना है) 6. नब्बे साल की अवस्था में "सोना" और "जागना" एक जैसे ही होते हैं। (जागने के बावजूद भी आपको नहीं पता कि क्या करना है).

कोंग्रेस का एक ओर काला सच

एक और सनसनीखेज खुलासे से दहली भारतीय राजनीति, कांग्रेस के इशारे पर आलोक वर्मा प्रधानमंत्री कार्यालय पर CBI का छापा मार कर नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की साजिश में जुटे थे! मोदी सरकार को गिराने के लिए एक और कोंग्रेसी साजिश का पर्दाफ़ाश हुआ है, जिसने भारतीय राजनीति में हड़कंप मचाया हुआ है. यहाँ ये भी साफ़ होता है कि कांग्रेस अपने अंत को देख कर किस कदर छटपटा रही है. सीबीआई में आंतरिक कलह और दो शीर्ष अधिकारियों के बीच आरोप प्रत्यारोप को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है. 👉 प्रधानमंत्री कार्यालय पर सीबीआई का छापा मार कर बड़ी साजिश में लगे थे आलोक वर्मा! सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को लेकर खुलासा हुआ है कि वो 10 जनपथ के इशारे पर काम कर रहे थे. और ना केवल काम कर रहे थे बल्कि मोदी सरकार को गिराने की कोंग्रेसी साजिश में भी शामिल थे. खुलासे के मुताबिक़ कांग्रेस के इशारे पर आलोक वर्मा 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार को संकट में फंसाने की साजिश कर रहे थे. खबर है कि आलोक वर्मा प्रधानमंत्री कार्यालय पर सीबीआई का छापा मार कर पीएम नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की साजिश में जुटे थे! 👉 अजीत डो

आज का परिवार और खात्मा

" परिवार " परिवार अब कहाँ ,परिवार तो कब के मर गए ! आज जो है,वह उसका केवल टुकड़ा भर रह गए ! पहले होता था दादा का , बेटों पोतों सहित , भरा पूरा परिवार , एक ही छत के नीचे , एक ही चूल्हे पर , पलता था उनके मध्य , अगाध स्नेह और प्यार ! अब तो रिश्तों के आईने , तड़क कर हो गए हैं कच्चे , केवल मैं और मेरे बच्चे , माँ बाप भी नहीं रहे परिवार का हिस्सा , तो समझिये खत्म ही हो गया किस्सा ! होगा भी क्यों नहीं , माँ बाप भी आर्थिक चकाचोंध में , बेटों को घर से दूर ठूंस देते हैं किसी होस्टल में , पढ़ने के बहाने ! वंचित कर देते हैं प्रेम से जाने अनजाने ! "आज की शिक्षा" हुनर तो सिखाती है , पर संस्कार कहाँ दे पाती है ! पढ़ लिख कर बेटा डॉलर की चकाचोंध में, आस्ट्रेलिया ,यूरोप या अ

मिश्रा का परिवार और खुशियों पे नजर

पड़ोस में मिश्रा जी का हँसता खेलता खुशहाल परिवार रहता है... मिश्रा जी ओएनजीसी से रिटायर्ड है... उनकी सराफा बाजार में ज्वेलरी की बड़ी सी दुकान भी है... बड़े बेटे ने पिछले साल ही सिविल क्रैक किया है... दूसरे नम्बर की बेटी डॉक्टर है, मिश्रा जी ने शहर के ही एक बड़े डॉक्टर से उसका रिश्ता तय किया है... तीसरा और सबसे छोटा बेटा इसी साल हाई स्कूल फर्स्ट डिवीजन पास कर के फर्स्ट ईयर की तैयारी कर रहा है... कुल मिलाकर मिश्रा जी और उनके परिवार पर ईश्वर की विशेष कृपा है... लेकिन कहते है कि खुशियों को नज़र भी बड़ी जल्दी लगती है... पिछले कुछ दिनों से मिश्रा जी का सबसे छोटा बेटा अचानक ही खामोश और गुमसुम सा रहने लगा... सारा दिन मोबाइल में आंखे गड़ाए रहता... मोबाइल में कुछ देखते देखते गुस्से से उसकी भृकुटि तन जाती... कभी क्रोध से आँखों मे लाल डोरे तैरने लगते तो कभी आँखों से आँसू बहने लगते... कभी अचानक मुठ्ठी भींच लेता, अचानक ही उसकी भुजाएँ फड़फड़ाने लगती तो कभी अचानक ही वो निढाल होकर बिस्तर पर लुढ़क जाता और सिसकने लगता... रात को अचानक ही नींद से जाग जाता, बिस्तर से उठकर भागते हुए बंगले का गेट खोल कर बाहर झाँ

एक पीढ़ी बदलने वाली है

आने वाले 20/25 साल में एक पीढी,संसार छोड़ कर जाने वाली है, . कड़वा है,लेकिन सत्य है। इस पीढ़ी के लोग बिलकुल अलग ही हैं... रात को जल्दी सोने वाले, सुबह जल्दी जागने वाले,भोर में घूमने निकलने वाले। आंगन और पौधों को पानी देने वाले, देवपूजा के लिए फूल तोड़ने वाले, पूजा अर्चना करने वाले, प्रतिदिन मंदिर जाने वाले। रास्ते में मिलने वालों से बात करने वाले, उनका सुख दु:ख पूछने वाले, दोनो हाथ जोड कर प्रणाम करने वाले, पूजा होये बगैर अन्नग्रहण न करने वाले। उनका अजीब सा संसार...... तीज त्यौहार, मेहमान शिष्टाचार, अन्न, धान्य, सब्जी, भाजी की चिंता तीर्थयात्रा, रीति रिवाज, सनातन धर्म के इर्द गिर्द घूमने वाले।* पुराने फोन पे ही मोहित, फोन नंबर की डायरियां मेंटेन करने वाले, रॉन्ग नम्बर से भी बात कर लेने वाले, समाचार पत्र को दिन भर में दो-तीन बार पढ़ने वाले। हमेशा एकादशी याद रखने वाले, अमावस्या और पुरमासी याद रखने वाले लोग, भगवान पर प्रचंड विश्वास रखनेवाले, समाज का डर पालने वाले, पुरानी चप्पल, बनियान, चश्मे वाले। गर्मियों में अचार पापड़ बनाने वाले, घर का कुटा हुआ मसाला इस्तेमाल करने वाले और हमेशा देशी

सुप्रीम कोर्ट ओर राम मंदिर

#सुप्रीम_कोठा भांडो का अड्डा बन चुका है जहां देशद्रोहियों के लिये आधी रात कोर्ट खुलती है , हिन्दू त्योहारों पर निर्णय दिये जाते है ,भ्रास्टाचारियों को अग्रिम जमानत मिल सकती है.....!!!! परन्तु #रामलला के लिये समय नही है.....!!! #जानते_है_क्यों....???? दिक्कत ये है जो भी जज है उनमें ज्यादातर ऐसे हैं जिन्होंने कभी सामान्य जीवन जीया ही नही....!!! वो #वंशानुगत जज होते हैं जो न तो कभी सरकारी बस में सफर किए हैं ना ट्रेन में धक्के खाए हैं ना ही अस्पतालों में लाइन लगाकर इलाज करवाएं है....!! ना तो थाने पर गये है और ना ही कोर्ट कचहरी से पाला पड़ा होता है....!!! वो #हमारी_दुनिया में रहकर भी हमारी दुनिया का हिस्सा नहीं होते क्योंकि उनके बाबा भी जज थे उनके बाप भी जज थे....!!!! वे दून कालेज से इंटर करने के बाद हावर्ड या कैलिफोर्निया से वकालत की पढ़ाई करने के बाद वो भी दस साल का अनुभव जुटाते हैं और कोलेजियम के थ्रू जज हो जाते हैं....!!! इन सबके बीच भारत में रहकर भी वो भारत को नहीं जान पाते और ना ही यहां के #परंपराओं को...!! नतीजा कभी #दिपावली पर पटाखे प्रतिबंधित करने तो कभी #शबरीमाला में महिला

ब्राह्मण और सरपंच की कथा

-राजनीति एक गाँव में बाहर से आकर एक ब्राह्मण रहने लगा ।     उसने गाँव की एक लड़की के साथ शादी कर ली । उसके दो बच्चे हुए । एक का नाम राजाराम और दूसरे का नाम सीताराम था । दोनों बड़े हुए इसलिए जरूरत बढ़ी । माँग कर पेट भरना मुश्किल था और मेहनत वाला कोई काम तो ब्राह्मण नहीं करेगा । दान दक्षिणा से ही काम चलायेगा । ऐसे में सरपंच का चुनाव एक साल बाद आने वाला था । दोनों ब्राह्मण पुत्रों ने रोज एक दूसरे से लड़ना चालू किया और गाँव के लोगों को अपने पक्ष में करने लगे । पूरा गाँव दो भागों में बँट गया । आधा राजाराम के पक्ष में और आधा सीताराम के पक्ष में । चुनाव में राजाराम जीत गया और सरपंच बन गया । दोनों का रहना एक ही घर में था । ब्राह्मण की लॉटरी लग गयी । पूरा घर और राजाराम सीताराम की बहुएँ खुश हो गयी, क्योंकि घी तो खीचड़ी में ही जानेवाला था। यानि फायदा दोनों को था । राजाराम ने 5 साल में भ्रष्टाचार करके काफी सम्पत्ति इकट्ठी कर ली । चुनाव नजदीक आते ही सीताराम ने राजाराम के भ्रष्टाचार को expose करना चालू कर दिया और गाँव वालो से कहने लगा कि मुझे सरपंच बना दे तो मैं राजाराम को

रावण दहन ओर ट्रैन की टक्कर

मृतसर के जौड़ा फाटक में ये हादसा उस समय हुआ, जब ट्रैक के पास रावण का पुतला जलाया जा रहा था. हावड़ा मेल और एक डीएमयू ट्रेन के एकाएक आने से ये हादसा हुआ. अमृतसर : पंजाब के अमृतसर में एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है. अमृतसर के जौड़ा फाटक में ये हादसा उस समय हुआ, जब ट्रैक के पास रावण का पुतला जलाया जा रहा था. हावड़ा मेल और एक डीएमयू ट्रेन के एकाएक आने से ये हादसा हुआ. पुलिस के अनुसार, इस हादसे में 50 लोगों के मारे जाने की खबर है. कहा जा रहा है कि लोग ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. उसी समय ट्रेन आ गई. लोग ट्रेन से बचने के लिए दूसरी तरफ गए, लेकिन उसी दौरान उस ट्रैक पर भी ट्रेन आ गई. मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि इस यह हादसा प्रशासन और दशहरा समिति के गलतियों का नतीजा है. जब ट्रेन आ रही थी, तब ट्रेन को हॉर्न बजाना चाहिए था. लोगों को अलार्म के जरिए ट्रेन के बारे बताया जाना चाहिए था. इससे लोग बच सकते थे. लोगों ने बताया कि प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए था कि ट्रेन यहां पर धीमी हो जाए. कहा जा रहा है कि रावण दहन के कारण ट्रैक पूरी तरह से लोगों से भरा हुआ था. इसी दौरान ट्रेन आ गई. ट्रैन के

साइकिल ओर शराब मत छोड़ना

80 वर्षीय संकेत चेक-अप के लिए डॉक्टर के पास गया। डॉक्टर उसकी सेहत को देख कर हैरान हो जाता है और पूछता है, 'तुम्हारी इतनी अच्छी सेहत का राज़ क्या है?' संकेत, 'मैं पंजाबी हूं सूरज उगने से पहले उठता हूं और साइकलिंग करने निकल जाता हूं फिर वाइन के दो गलास पीता हूं....' और यही मेरी सेहत का राज़ है। डॉक्टर, 'ठीक है ....तुम 80 बरस के हो, मुझे यह बताओ जब तुम्हारे पिता की मृत्यु हुई तो वो कितने बरस के थे? 'मेरे पिता की मृत्यु किसने कहा?' डॉक्टर हैरान होकर। 'तुम्हारा मतलब है कि तुम 80 बरस के हो और तुम्हारे पिता अभी भी जिंदा हैं। उनकी क्या उम्र है?' संकेत, 'वह 102 साल के हैं और आज भी सुबह मेरे साथ साइकिल चलाने गए थे और दो गलास वाइन पीए थे। डाक्टर, यह तो बहुत अच्छा है। इसका मतलब है लम्बी आयु तुम्हारी फैमिली के जीन्स् में है। तो तुम्हारे दादा की उम्र कितनी थी जब वो मरे। संकेत, किसने कहा मेरे दादा मर गए हैं? डॉक्टर परेशान, 'तुम्हारा मतलब है कि तुम 80 वर्ष के हो और तुम्हारे दादा भी अभी जीवित हैं? बहुत खूब !! उनकी क्या उम्र है?' संता, 'वह 1

सबरीमाला एक हक़ीक़त

सबरीमाला-एक हकीकत --सबरीमला मंदिर क्यों सबकी आंखों में खटक रहहै ?* *केरल में सबरीमला के मशहूर स्वामी अयप्पा मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के नाम पर चल रहे विवाद के बीच लगातार यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इस मंदिर में ऐसा क्या है कि ईसाई और इस्लाम धर्मों को मानने वाले तथाकथित एक्टिविस्ट भी कम से कम एक बार यहां घुसने को बेताब हैं।* *इस बात को समझने के लिये हमें केरल के इतिहास और यहां इस्लामी और राज्य में बीते 4-5 दशक से चल रही ईसाई धर्मांतरण की कोशिशों को भी समझना होगा।* *मंदिर में प्रवेश पाने के पीछे नीयत धार्मिक नहीं, बल्कि यहां के लोगों की सदियों पुरानी धार्मिक आस्था को तोड़ना है, ताकि इस पूरे इलाके में बसे लाखों हिंदुओं को ईसाई और इस्लाम जैसे अब्राहमिक धर्मों में लाया जा सके।* *केरल में चल रहे धर्मांतरण अभियानों में सबरीमला मंदिर बहुत बड़ी रुकावट बनकर खड़ा है।* *पिछले कुछ समय से इसकी पवित्रता और इसे लेकर स्थानीय लोगों की आस्था को चोट पहुंचाने का काम चल रहा था लेकिन हर कोशिश नाकाम हो रही थी इसीलिए आखिरकार महिलाओं के मुद्दे पर ईसाई मिशनरियों ने न सिर्फ सबरीमला के अयप्पा मंदिर बल्कि प

सी. बी. आई. ओर राकेश अस्थाना का सच

देश की CBI में घमासान मचा है । ऊपर से देखने में लगता है कि सबसे बड़े दो अफसर लड़ रहे हैं । अंदर झांकने पे कहानी कुछ और है । क्या है असली लड़ाई ......... सरल आसान शब्दों में सुनिए , समझिए , Share कीजिये । • देश की बड़ी शीर्ष संस्थाओं में शीर्ष पदों की नियुक्तियां PM के हाथ में नही होती ....... एक panel जिसे आप कोलोजियम भी कह सकते हैं , वो मिल के चुनता है । उस panel में खुद PM , CJI बोले तो बड़के मी लौड़ ........ CVC बोले तो चीफ विजिलेंस कमिश्नर , LOOp बोले तो लीडर ऑफ Opposition मने नेता प्रतिपक्ष , और गृहमंत्री जैसे लोग होते हैं जो 3 या 5 लोगों में से किसी एक को चुनते हैं ........ CBI director के पद पे इस पैनल ने आलोक वर्मा को चुन लिया । अब ये आलोक वर्मा निकले धुर मोदी एवं सरकार विरोधी और कांग्रेस गांधी परिवार के पिट्ठू । • इस समस्या से निमटने के लिए मोदी सरकार अपने एक विश्वासपात्र अफसर को ले आई ........ इनका नाम राकेश अस्थाना ......... ये गुजरात काडर के IPS हैं , पहले अहमदाबाद , वडोदरा , सूरत जैसे नगरों के कमिश्नर रह चुके हैं । 2002 में इन्ने कुख्यात गोधरा कांड की सफलता पूर्वक जांच की ,

अभिमन्यु ओर म्रत्यु का सच

यदि कोई आपसे पूछे कि #अभिमन्यु कैसे मारा गया तो संभवतः आपके पास दो जवाब होंगे... #पहला :- अभिमन्यु को कौरव सेना के दर्जनों महारथियों ने घेरकर मार दिया। #दूसरा :- अर्जुन से चक्रव्यूह तोड़ने की विद्या सुनते हुए सुभद्रा की नींद लग गई थी, जिससे अभिमन्यु माँ के गर्भ में चक्रव्यूह तोड़ने का हुनर नहीं सुन पाया और #चक्रव्यूह में फंसकर मारा गया... लेकिन इस सवाल का सही जवाब है... कौरवों की वो #रणनीति जिसके तहत अर्जुन को युद्धक्षेत्र से जानबूझकर इतनी दूर ले जाया गया कि वो चाहते हुए भी अपने बेटे को बचाने हेतु समय पर नहीं पहुंच सका... अगर अर्जुन... अभिमन्यु से दूर नहीं होता तो शायद कोई भी अभिमन्यु को मार नहीं पाता। फिलहाल #युद्धक्षेत्र सज चुका है। अभिमन्यु (नरेन्द्र मोदी) को घेरने की पूरी तैयारी हो चुकी है... #कौरवों के योद्धा (कॉग्रैस, सपा ,बसपा, ममता, लालु, वांमपंथी, पाकिस्तान) इकट्ठे हो रहे हैं। अब बस आखिरी रणनीति के तहत #अर्जुन को (तमाम हिन्दुओं को जातियों में तोड़ कर) रणक्षेत्र से दूर करने की कोशिश जारी है। अब ये आप पर निर्भर है कि आप अभिमन्यु को अकेला छोड़कर उसके मरने के बाद #पछताना चा

दीवाली पर एक छोटी अपील

*दीपावली पर एक छोटी सी अपील*:- कृपया पटाखे फोड़े क्यों की ये त्यौहार ही पटाखों का हैं मिडिया और पर्यावरण के रखवालो को पर्यावरण बचाने की याद सभी हिन्दू त्यौहारो पर ही आती है! जम के पटाखे छुड़ाइये, दिवाली है, कोई " नवाज़ शरीफ" का अंतिम संस्कार नही है जो मातम मनाएं, बाकि के 364 दिन है पर्यावरण के लिए... . *सभी ज्ञानचंद रायचंद. खामोश रहे। बम पटाखे का आनंद लीजिये। ..... और अगर कोई ज्ञानचंद ज्ञान दे तो सबसे पहले उस की कुडाई करें फिर बाद में पटाखे फोड़े ! जिसे प्रदुषण की बहुत चिंता है ..... वो सबसे पहले अपनी गाडी बेचे और साइकिल का इस्तेमाल करे ! *प्रश्न* :- "पटाखे" कितने प्रकार के होते है? उत्तर:- *पटाखे 2* प्रकार के होते है- 1- *अच्छे पटाखे* ! 2- *बुरे पटाखे*। *अच्छे पटाखे:-* वे पटाखे जो अंग्रेजी नववर्ष, क्रिसमस, ईद आदि त्योहारों तथा नेताओं की जीत और आगमन पर फोड़े जाते है, अच्छे पटाखे कहलाते हैं। इन पटाखों को फोड़ने से भाईचारा, सौहार्द और अमन-चैन बढ़ता है और पर्यावरण शुद्ध होता है तथा शांति का वातावरण निर्मित होता है। *बुरे पटाखे:-* ये पटाखे आमतौर पर दीपावली न

नन्हीं सी जान और पानी का बोतल

एक बार मैं अपने काम के लिए घूमने गुजरात शहर में जा रहा था और मैं अपने समय के अनुसार अपनी ट्रेन के निर्धारित समय से प्लेटफार्म पर जा कर बैठ गया वहां पर मैं देख रहा था कि बहुत से छोटे बच्चे पानी की बोतल कचोरी या खाने के सामान जो है वह बेच रहे थे मुझे सब बच्चों को देखकर बहुत ही दुख हो रहा था कि आज पढ़ने वाली उम्र में यह बच्चे कमाने निकले हैं सिर्फ अपने घर परिवार का पालन पोषण करने के लिए आज उनके लिए इससे बड़ी दुख की और कोई बात नहीं हो सकती और आज यह बच्चे इतने होशियार भी नहीं है कि दूसरे को समझा सके या खुद किसी के ऊपर नहीं बन सके इतनी इन बच्चों में अभी तक समझ नहीं है और मैं बच्चों को देख रहा था स्टेशन पर आने जाने वाले हर एक बच्चे पर मेरी नजर थी और हर बच्चे जो काम कर रहे थे मेरे दिल को झकझोर रहे थे कि क्यों आज इस भारत देश में इस तरह की दुर्दशा हो रही है कि छोटे जो बच्चे हैं उनको दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी है और काम करना पड़ रहा है कुछ समय बाद मेरी ट्रेन आ गई थी और मैं ट्रेन के अंदर जाकर अपनी सीट के ऊपर बैठ गया लेकिन दिल के अंदर बार-बार वही आ रहा था कि क्यों यह बच्चे बाहर जाकर काम कर रहे हैं औ

प्रधानमंत्री देश की गरिमा

सभी कांग्रेस बन जाओ ध्यान से पढ़िए आदरणीय प्रधानमंत्री को चोर कहने वाले बेवकूफ गधे देश के गद्दार अखिल के अंदर अंदर बुद्धिहीन गंदी सोच रखने वाले जाहिल लोग होते हैं आप सब तो काफी समझदार थे शायद आपकी अक्ल को लकवा मार गया है इसलिए प्रधानमंत्री जी को चोर जैसे गंदे शब्द से संबोधित कर रहे हो अच्छा बताइए आपका क्या चुरा लिया ऐसा क्या चुरा लिया उसके सगे भाई बहन छोटी मोटी आदमी का से परिवार का पोषण कर रहे हैं एक भी घोटाला नहीं हुआ प्रोफाइल में अभी सिर्फ सौदा हुआ है एक पैसे का पेमेंट भी भारत सरकार से नहीं हुआ इस भ्रष्टाचार की बात की जा रही है राहुल गांधी अल्प बुद्धि के कारण विदेशी दबाव में इस सौदे की तकनीकी जानकारी सार्वजनिक करवाना चाहती है सुरक्षा कारणों से यह जानकारी नहीं दी जा सकती है उन्हें देश की भलाई की कोई चिंता नहीं है इस देव तुल्य करवट निष्कलंक दूरदृष्टि अतुल्य चरित्रवान ओजस्वी वक्ता करते गणित और देश के लिए समर्पित विराट व्यक्तित्व के धनी के लिए ऐसे गिरे हुए शब्द का इस्तेमाल करने की दृष्टि से आप लोगों ने कैसे की क्या आपके पास कोई प्रमाण है क्या आप भी आंख पर पट्टी बांधकर अपनी बुद्धिमानी

शनि देव को प्रणाम और नमस्कार कैसे करें

कुछ लोग शनिदेव के समक्ष खड़े होकर दोनों हाथों से प्रणाम करते हुए अनजाने में प्रार्थना करते हैं कि यह शनिदेव आप अपनी कृपा दृष्टि हम पर बनाए रखना ऐसा बोल कर भी नहीं करना चाहिए क्योंकि सनी देओल की वक्र दृष्टि जिस पर पड़ जाती है उसका तो अनर्थ हो जाता है शनिदेव तो स्वयं ही अपने दोस्त छुपा कर रखते हैं शनि मंदिर में सूर्य देव को दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार करने की जगह अपने दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार शनि देव को दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार या प्रणाम करने की जगह अपना सिर और धड़ शनिदेव के आगे झुकाते हुए दोनों हाथ कमर के पीछे ले जाकर उनको बांधकर नमन करना चाहिए दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार करने का अर्थ है या तो आप किसी का स्वागत करें अथवा उसको अपने यहां से विदा कर रहे हैं इसलिए शनि देव को दूर नहीं करना चाहिए शनि देव को किस मंत्र से प्रणाम करना चाहिए नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम छाया मार्तंड शंभू तम तम नमामि शमीशान

पहनावा : संस्कृति और पहचान

पहनावा और हमारी पहचान...! तन्वी को सब्जी मंडी जाना था। उसने जूट का बैग लिया और सड़क के किनारे-किनारे सब्जी मंडी की ओर चल दी। तभी पीछे से एक ऑटो वाले ने आवाज़ दी - ''कहाँ जायेंगी माता जी ?'' तन्वी ने ''नहीं भैय्या'' कहा, तो ऑटो वाला आगे निकल गया। अगले दिन तन्वी अपनी बिटिया मानवी को स्कूल बस में बैठाकर घर लौट रही थी, तभी पीछे से एक ऑटो वाले ने आवाज़ दी - ''बहन जी मोहपुरी ही जाना है क्या ?'' तन्वी ने मना कर दिया। पास से गुजरते उस ऑटो वाले को देख कर तन्वी पहचान गयी, कि ये कल वाला ही ऑटो वाला था। आज तन्वी को अपनी सहेली के घर जाना था। वह सड़क किनारे खड़ी होकर ऑटो का इंतजार करने लगी। तभी एक ऑटो आकर रुकी - ''कहाँ चलेंगी मैडम ?'' तन्वी ने देखा, ये वो ही ऑटोवाला है, जो कई बार इधर से गुजरते हुए, उससे पूछता रहता है, चलने के लिए। तन्वी बोली - मधुबन कॉलोनी है ना सिविल लाइन्स में वहीँ जाना है, चलोगे ? ऑटोवाला मुस्कुराते हुए बोला - चलेंगें क्यों नहीं मैडम ? आ जाइये। ऑटो वाले के ये कहते ही तन्वी ऑटो में बैठ गयी। ऑटो स्टार्ट होत

हिन्दू धर्म क्या मजाक है 5

करवा चौथ आने वाली हैं !! आजकल.. एक बड़ा खतरनाक प्रचलन चला है हिन्दुओं में.., वह यह कि.. जैसे ही कोई हिन्दू त्यौहार आने वाला होता है, हम हिन्दू खुद ही.. उस त्यौहार को ऐसे पेश करते हैं जैसे वो.. उनके ऊपर बोझ है उनका भद्दा मजाक.. फेसबुक और व्हाट्सएप पर बनाते हैं , और अपने ही त्यौहारों की.. पवित्रता गम्भीरता.. खत्म कर देते हैं !! देखिए क्या लिखा है,, ~ आदरणीय पति देव ! आपको सूचित किया जाता है कि आपके लम्बी आयु की वैलिडिटी खत्म होने वाली है और रिचार्ज की तिथि आ गयी है..! पत्नी के त्याग का मजाक बनाकर.. पत्नी को लालची और.. रिशवतखोर बताने लगते हैं ! हिन्दू धर्म की विडंबना देखिए :- जन्माष्टमी आयी तो श्री कृष्ण को टपोरी तडीपार और ना जाने क्या-क्या कहा! गणेश जी आये तो उनका भी मज़ाक़ बनाया! नवरात्रि आयी तो ये चुटकुला आया "नौ दिन दुर्गा-दुर्गा फिर मुर्गा-मुर्गा..." विजयादशमी पर श्री राम-माता सीता और रावण पर चुटकुले चले! अब दिवाली पर भी कुछ ना कुछ.. आ जायेगा! कभी सोचा है कि वास्तव में कौन है जो.. ये सब पोस्ट कर रहा है??? ये कभी किसी ने भी जानने की कोशिश नहीं की..! बस अपने मोबाइल

कानून - अम्बेडकर औऱ सरदार

संविधान का निर्माण चल रहा था।। सरदार पटेल भी संविधान निर्माताओं की लिस्ट में शामिल थे। अम्बेडकर ने आरक्षण की मांग का तुर्रा छोड़ दिया। सरदार पटेल-- आरक्षण गलत है हटाओ इसे । अम्बेडकर -"नहीं,ये मेरी कौम के लोगों के लिए है।" सरदार---'कौन सी तुम्हारी कौम? हम सब भारतीय हैं, आज़ादी के बाद आज देश का हर वर्ग भूखा नंगा है...इसलिए किसी वर्ग विशेष को ये सुविधा देना गलत है...।" अम्बेडकर ( लगभग चीखते हुए) --"मैं आरक्षण देना चाहता हूँ,अगर मुझे रोका गया तो मैं कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दूंगा।" सरदार --- "देखो भीमराव, तुम वो नहीं देख पा रहे जो मैं देख पा रहा हूँ। स्वार्थ की राजनीति ने तुम्हारी आँखों में पट्टी बाँध दी है। अगर आज किसी जाति विशेष को आरक्षण दिया गया तो भविष्य के भारत में रोज एक नई जाति आरक्षण मांगेगी और देश की अखंडता पर खतरा उत्पन्न होगा....जो दलित और गरीब है उनके लिए हम दूसरे हर तरह के उपाय करने को तैयार हैं..जैसे मुफ़्त शिक्षा, मुफ़्त स्कूल, उनके लिए सस्ते घर, रोजगार इत्यादि.... हम उन्हें इतना काबिल बनाये ताकि वो खुद के दम पर आगे बढ़ सके ..

महेंदी : - एक लव जिहाद

क्या आपने कभी इस पर ध्यान दिया है नहीं ना तो आगे से ध्यान दीजिए देखिए आपके आसपास तो यह ऐसा घटित नहीं हो रहा...??? शहरों में जगह जगह हाई प्रोफाइल localities में कम उम्र, वयस्क युवतियां और महिलाएं आपको मेहंदी लगवाती दिख जाएंगी ! करवाचौथ और त्यौहारी सीजन में तो इतनी भीड़ हो जाती है कि मेहंदी लगाने वाले लड़के मुँह मांगे पैसे वसूल करते हैं ! आज ही मैंने देखा कि *4 लड़के 4 लड़कियों के हाथों में मेहंदी लगा रहे थे और काफी स्मार्ट और मेन्टेन लग रहे थे !* मेरी समझ में ये नहीं आया कि क्या उन स्मार्ट पड़ी लिखी लड़कियों को ये नही दिखता कि गली गली यूँ मेहँदी लगाने वालों के पास इतना सजने सवरने के लिए समय और पैसा कहाँ से आता होगा । या *इनके पास पैसा है तो ये छोटा सा काम क्यों कर रहे हैं ।??* 4 लड़के मेहँदी लगा रहे थे मैं इस तरह वहाँ खड़ा हो गया कि वो लड़के मुझे किसी युवती का भाई या कोई रिश्तेदार समझें ! एक युवक ने मेहंदी लगाने के बाद युवती से कहा कि *"आपका हाथ गज़ब लग रहा है मैडम ", युवती शर्मा गई और युवक ने आँखों-आँखों में मुस्कान फेंकी ! और कुछ न कुछ ऐसे बोलना कि वो नव यौवनाएं उनसे

मोदी - एक नया कारनामा जरूर पढ़ें

उन्होंने सोचा भी ना था मोदी जी - CBI में उनका खेल ऐसे ख़तम करेंगे - कांग्रेस को मजबूर करेंगे अपने को बेनकाब करने के लिए - कल आधी रात को मोदी जी के CBI के सफाई अभियान ने कांग्रेस और पूरे विपक्ष के गुर्दे लाल कर दिए --CBI प्रमुख अलोक वर्मा, स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना और अतिरिक्त डायरेक्टर ए के शर्मा को छुट्टी पर भेज दिया और 13 अधिकारी ट्रांसफर कर दिए -- राहुल गाँधी और उसके चमचे और दल्ला प्रशांत भूषण दहाड़ें मार रहे हैं कि रफाल जांच से बचने के लिए वर्मा को हटाया गया है --सुरजेवाला कह रहा है CBI पर मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक की है --और प्रशांत भूषण कह रहा है अलोक वर्मा भ्रष्ट अस्थाना के खिलाफ जांच कर रहा था इसलिए हटाया गया --अलोक वर्मा केंद्र के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है जिसकी सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी -अभी से अस्थाना को "भ्रष्ट" कैसे कह दिया भूषण ने जबकि कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ -- इस घटनाक्रम से कुछ बातें साफ़ हो रही हैं जो संक्षिप्त में लिख रहा हूँ -- ---राकेश अस्थाना ने CVC को अलोक वर्मा के खिलाफ मोईन कुरैशी से 2 करोड़ की रिश्वत लेने की शिकायत की

राम मंदिर - सुप्रीम कोर्ट का आदेश

जय श्री राम सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के साथ ही राम मंदिर निर्माण की तैयारी शुरू, अयोध्या में पहुंचने लगी है सामग्री! लगता है सालों से अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने की प्रतीक्षा अब खत्म होने वाली है। वैसे तो अयोध्या राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 29 अक्टूबर को निर्धारित है, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए सामग्री पहुंचनी शुरू हो गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट की माने तो विश्व हिंदू परिषद ने सुनवाई से पहले ही अयोध्या के लिए पत्थरों से भरे 70 ट्रकों को वहां पहुंचने का आदेश दे दिया है। इतना ही नहीं अयोध्या में राम भक्तों के साथ ही आगंतुकों का आना भी शूरु हो गया है। इससे लगने लगा है कि अब वहां भव्य राम मंदिर बनकर ही रहेगा। वैसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना कोई भी वादा अधूरा छोड़कर 2019 के लोकसभा में नहीं जाना चाहते। हो न हो यह मोदी सरकार की अंदरुनी जीत का संकेत हो। जिस प्रकार से हाल के दिनों में मुसलिम नेताओं के सुर बदले हैं इससे लगता है कि मोदी उन्हें मंदिर बनने पर राजी कर चुके हैं। * सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई से पहले अयोध्या पहु

हिन्दू एकता में शक्ति : कैसे ???

[24/10, 12:07 pm] ‪+91 95409 23823‬: कम्युनिस्टों ने अपनी कब्र खोद ली है #सबरीमाला मंदिर मे औरतों के प्रवेश की याचिका डालकर, अब हिंदू एकजुट हो रहे हैं हिन्दू एकता मे ही शक्ति है जिसे देख कर #वामी_कांगी_सेक्युलरो की फटती है अब तो कम्युनिस्ट पार्टी के नेता भी हिन्दुओ की एकता देखकर हिन्दुओ के समर्थन मे आकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे है।बहुत ही सुखद आनन्द का अनुभव प्रतीत हो रहा है यह देखकर केरल में हिन्दू अब 54.7% है, पर 54.7% हिन्दू भी एकजुट हो तो दुनिया उसके कदमो में आ सकती है। केरल का कट्टरपंथी इसाई विधायक PC George अब मंदिर के नियमो की रक्षा का ऐलान कर रहा है इसका कारण है हिन्दू एकता। पीसी जोर्ज हिन्दुओ की एकता को देखते हुए मंदिर की रक्षा में उतरा है, वामपंथियों को उम्मीद थी कि हिंदुओ को तो आदत है जलील होने की, हिन्दुओ को ऐसे ही दबायेंगे । सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ खुद लाखों हिन्दू महिलाएं सड़कों पर है, केरल में पहली बार हिन्दू अपने धर्म और मंदिर के लिए इतनी बड़ी संख्या में सड़कों पर आया है, और हिन्दुओ की एकजुटता को देखते हुए इसाई विधायक PC George भी मंदिर के नियमो

बुद्धि:- भारत, पाकिस्तान,अमेरिका

एक बार मैं बहुत बड़े मेले के अंदर गया था तो वहां पर मैं घुमा फिरा मैंने झूला भी खाया कचोरी भी खाई बहुत सारा आनंद लिया थोड़ी दूर गया तो एक दुकान के ऊपर बहुत सारी भीड़ लगी हुई थी मैं 20 ग्रेड वाली जगह पर गया और जाकर देखा तो वहां पर एक दुकान लगी हुई थी और उस दुकान के अंदर बुद्धि बेच रहे थे बुद्धि बेच रहे थे मतलब भारत की बुद्धि पाकिस्तान की बुद्धि अब मैं उस दुकान पर देखते देखते आश्चर्यचकित हो गया क्योंकि भारत में रहकर भी भारत की बुद्धि ₹500 किलो और बाकी देशों की बुद्धि 1000 2000 3000 ₹5000 किलो मेरे दिल के अंदर एक घुटन सी होने लगी कि हमारी जो बुद्धि की कीमत है वह इतनी कम क्यों और हमारे जो पड़ोसी देश है या हमारे जो दुश्मन देश है उनके बुद्धि की रेट कितनी ज्यादा क्यों तब मैं उस दुकान वाले से दुखी स्वर में पूछा गया रे भैया अब भारत में रहकर भारत की चीजों का कितना दाम कम लगा रहे हो और बाकी के जो देश है उसके तुम गांव इतना ज्यादा लगा रहे हो धिक्कार है तुम्हें तुम्हारी जिंदगी भर तक दुकान वाले ने मुझसे कहा कि भैया झगड़ा या गुस्सा करके मुझसे बात कर सकते हो लेकिन क्या बाकी देशों की तरह तुम अपने देश मे

बुद्धा rocked छोरे shocked

एक वृद्ध ट्रेन में सफर कर रहा था रहा था, संयोग से वह कोच खाली था। तभी 8-10 लड़के उस कोच में आये और बैठ कर मस्ती करने लगे एक नए कहा चलो जंजीर खीचते है दूसरे ने कहा यहां लिखा है 500रु जुर्माना ओर 6माह की कैद तीसरे ने कहा इतने लोग है चंदा कर के 500रु जमा कर देंगे चन्दा इकट्ठा किया गया तो 500 की जगह 1200 रु जमा हो गए चंदा पहले लड़के के जेब मे रख दिया गया तीसरे ने बोला जंजीर खीचते है अगर कोई पूछता है, तो कह देंगे बूढ़े ने खीचा है। पैसे भी नही देने पड़ेंगे तब। बूढ़े ने हाथ जोड़ के कहा बच्चो मैने तुम्हारे क्या बिगड़ा है मुझे क्यो फंसा रहे हो लेकिन किसी दया नही आई। जंजीर खीची गई टी टी ई आया सिपाही के साथ, लड़कों ने एक स्वर से कहा बूढे ने जंजीर खीची है। टी टी बूढ़े से बोला शर्म नही आती इस उम्र ऐसी हरकत करते हुए, बूढ़े ने हाथ जोड़ कर कहा साहब मैंने जंजीर खींची है, लेकिन मेरी बहुत मजबूरी थी । उसने पूछा क्या मजबूरी थी.? बूढ़े ने कहा मेरे पास केवल 1200रु थे जिसे इन लड़को ने छीन लिए और इस लड़के ने अपनी जेब मे रखा है । अब टीटी ने सिपाही से कहा इसकी तलाशी लो लड़के के जेब से 1200रु बरामद हुए ज

क्या है नेटवर्किंग बिज़नेस

Network Marketing आने वाले time का business है. आपको शायद सुनने में अजीब लगे but ये हक़ीक़त बहुत जल्दी आप लोगों के सामने आने वाली है। ये बात मैं हवा में नहीं कह रहा हूँ। इस बात में 100% सच्चाई है। Network Marketing पूरी दुनिया में बहुत तेज़ी से grow कर रही है। और जब तक दुनिया में लोग रहेंगे तब तक ये business चलता रहेगा। क`क्योकि लोगों से ही यह business चलता हैं। कोई इस business को फ़साने वाला बिज़नेस कहता है, कोई इसे बेवकूफ बनाने वाला काम कहता है, कुछ इसे फालतू लोगों का काम समझते हैं और कोई इसे time waste मानता है। इसमें मैं किसी को दोष भी नहीं देता। इसका simple सा reason है अभी Network Marketing की proper knowledge लोगों तक नहीं पहुँच पायी है। दुनिया में कुछ काम ऐसे भी होते हैं जो लोगों को आसानी से समझ नहीं आते। for example “आज हम लोग पुरे दिन में ना जाने कितनी बार Facebook पे chatting करते हैं। और उसके हम से कोई पैसे भी नहीं लिए जाते, फिर भी कमाई के मामले में Facebook का नाम top 10 websites में आता है।” कई लोगों ये बात समझ भी नहीं आती होगी कि Facebook कमाई भी करता होगा या अगर किसी को प

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