आखिरी चट्टान - मोहन राकेश

                    आखिरी चट्टान | ( मोहन राकेश )   परिचय - मोहन राकेश ( असली नाम मदनमोहन मुगलानी ) का जन्म अमृतसर में सन् 1925 में हुआ । उन्होंने पहले आरिएंटल कालेज , लाहौर से संस्कृत में एम . ए . किया और विभाजन के बाद जालन्धर आये । फिर पंजाब विश्वविद्यालय से एम . ए . किया । जीविकोपार्जन के लिए कुछ वर्षों अध्यापन कार्य किया , किन्तु लाहौर , मुम्बई , जालन्धर और दिल्ली में रहते हुए कहीं भी स्थायी रूप से नहीं रहे । इन्होंने कुछ समय तक ‘ सारिका ' पत्रिका का सम्पादन किया । ये ' नयी कहानी ' आन्दोलन के अग्रणी कथाकार माने जाते हैं । मोहन राकेश बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे । उन्होंने उपन्यास , नाटक , कहानी , निबन्ध एवं यात्रा - वृत्तान्त आदि सभी विधाओं पर लेखनी चलायी । इनका सन् 1972 में असमय निधन हुआ ।  आषाढ़ का सारा दिन ' , ' लहरों के राजहंस ' तथा ' आधे - अधूरे ' इनके चर्चित नाटक हैं , जो रंगमंच की दृष्टि से पूर्ण सफल हैं । ' अंधेरे बन्द कमरे ' , ' अन्तराल ' , ‘ न आने वाला कल ' उनके उपन्यास तथा ' इंसान के खण्डहर ' , ' नये बादल '

EFIR ओर LMS का शुभारंभ

 पुलिस महानिदेशक ने किया ई-एफआईआर एवं एलएमएस का शुभारम्भ*
               *आमजन के लिए वाहन चोरी हेतु ई-एफआईआर सुविधा प्रारम्भ*
जयपुर, 18 अक्टूबर। महानिदेशक पुलिस श्री ओ.पी. गल्होत्रा ने गुरूवार को पुलिस मुख्यालय में राजस्थान पुलिस के स्टेट क्राईम रिकार्ड्स ब्यूरो के तत्वावधान में आमजन की सुविधा के लिए बनाये गये ऑनलाईन ई-एफ.आई.आर. (केवल वाहन चोरी हेतु) एवं पुलिस कर्मियों हेतु लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (एल.एम.एस.) का शुभारम्भ किया।
     श्री गल्होत्रा ने बताया कि ई-एफ.आई.आर. के माध्यम से आमजन बिना थाने पर गये इन्टरनेट का उपयोग करते हुए अपने वाहन चोरी की रिपोर्ट ऑनलाईन दर्ज करा सकता हैं। ई-एफ.आई.आर. (केवल वाहन चोरी हेतु) अभियुक्त अज्ञात हो व घटना के दौरान चोट या बल प्रयोग नही होने की स्थिति में दर्ज कराई जा सकती है। यदि चोरी की घटना, जिसमें अभियुक्त ज्ञात हो अथवा घटना के दौरान चोट या बल प्रयोग किया गया हो तो उसकी शिकायत सम्बंधित पुलिस थाने में ही दर्ज करवाई जा सकेगी। यह सुविधा स्टेट क्राईम रिकार्ड्स ब्यूरो राजस्थान जयपुर द्वारा तैयार की गई है जो क्राईम एण्ड क्रिमिनल ट्रेकिंग एण्ड नेटवर्किग सिस्टम से जुडी हुई है । राजस्थान में वाहन चोरी की शिकायत दर्ज कराने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था ई-एफ.आई.आर. के माध्यम से प्रदान कराने के साथ उसे क्राईम एण्ड क्रिमिनल ट्रेकिंग एण्ड नेटवर्किग सिस्टम से एकीकृत करने वाला पहला राज्य है ।
      एससीआरबी अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस श्री हेमन्त प्रियदर्शी ने बताया कि आमजन अपनी एसएसओ आईडी से लॉगिन करके ई-एफ.आई.आर दर्ज करा सकता है । यह सिस्टम राजधरा एप से भी एकीकृत है। जिसकी यह विशेषता है कि थाने की सीमा के ज्ञान के बिना भी ई-एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जा सकती है । इसके लिए राजधरा में थानों की सीमा को अंकित किया गया है। आमजन राजधरा के नक्शे पर चोरी की लोकेशन को चिन्हित कर सकता है। इससे सम्बंधित थाने का नाम एवं लोकेन की जानकारी स्वतः ही िकायत फार्म में दर्ज हो जाती है।
         एससीआरबी उप महानिरीक्षक पुलिस श्री शरत कविराज ने बताया कि ई-एफ.आई.आर. पर गलत सूचना देने अथवा इस सुविधा के दुरूपयोग किये जाने की स्थिति में िकायतकर्ता के विरूद्व आईपीसी के तहत कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जायेगी ।
             *पुलिस कर्मियों के लिए लर्निंग मैंनेजमेन्ट सिस्टम का शुभारम्भ*
महानिदेशक पुलिस श्री ओ.पी. गल्होत्रा ने एलएमएस (लर्निंग मैंनेजमेन्ट सिस्टम) सॉफ्टवेयर का भी शुभारम्भ किया। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से पुलिस विभाग के अधिकारी व कर्मचारी विभिन्न प्रकार के प्रिक्षण ऑनलाईन प्राप्त कर सकेगें जिससे उनके ज्ञान व कौल में निरंतर वृद्धि होगी व उनकी कार्यक्षमता में निरंतर सुधार हो सकेगा। सॉफ्टवेयर के माध्यम से क्राईम एण्ड क्रिमिनल ट्रेकिंग एण्ड नेटवर्किंग सिस्टम के साथ ही अन्य प्रशिक्षण प्रदान किये जायेगें। इस सॉफ्टवेयर द्वारा वीडियो के माध्यम से पुलिस कर्मियों के लिए आवयक विभिन्न कानूनों से सम्बन्धित प्रशिक्षण भी प्रदान किये जायेगें।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एससीआरबी श्री हेमन्त प्रियदर्शी ने बताया कि पुलिस अधिकारी व कर्मचारी अपनी एसएसओ आईडी से लॉगिन करके एलएमएस के माध्यम से उनसे सम्बन्धित प्रशिक्षण कोर्स को किसी भी समय व किसी भी स्थान पर अपने मोबाईल अथवा कम्प्यूटर पर देख सकेंगे।
      प्रदे के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों एवं जयपुर व जोधपुर के पुलिस उपायुक्तों को अपने कार्य क्षेत्र के सभी पुलिस कर्मियों को यह एलएमएस पर उपलब्ध प्रिक्षण सामग्री दिखाना सुनिचित करने के निर्दे दिये गये है। साथ ही इस सम्बन्ध में पुलिस कर्मियों को एलएमएस के बारे में जानकारी प्रदान कर उन्हें इस सॉफ्टवेयर का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने के भी निर्दे दिये गये है।
उपमहानिरीक्षक एससीआरबी श्री शरत कविराज ने बताया कि अधिकृत अधिकारी एलएमएस द्वारा पुलिस कर्मियों को सौंपे गये प्रिक्षण कोर्स की ऑनलाईन मोनिटरिंग करेगें। पुलिस कर्मियों द्वारा प्रिक्षण कोर्स को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने तथा सौंपा गया प्रिक्षण कोर्स विभागीय दिा-निर्देों के अनुसार करने के बारे में भी मोनिटरिंग की जा सकेगी। अधिकृत अधिकारी एलएमएस द्वारा प्रिक्षण सम्बन्धित अपने कार्यक्षेत्र की विभिन्न रिर्पोट्स को किसी भी समय अपने मोबाईल अथवा कम्प्यूटर पर देख सकते हैं।
       इसके साथ ही एलएमएस के माध्यम से सौंपे गये प्रिक्षण कोर्स के सम्बन्ध में सुझाव या फीडबैक भी ऑनलाईन दिये जा सकते है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से दिये गये ऑनलाईन या ऑफलाईन प्रिक्षण की परीक्षा तथा परीक्षा का परिणाम भी तैयार किया जा सकता है। साथ ही कॉमन कोर्स से सम्बन्धित ऑनलाईन चैट भी की जा सकती है। अब पुलिस विभाग के विभिन्न प्रिक्षण एलएमएस के माध्यम से कराये जायेंगे।
       श्री शरत कविराज ने बताया कि इस सम्बन्ध में प्रथम प्रिक्षण का वीडियो सॉफ्टवेयर पर अपलोड कर दिया गया है। साथ ही लर्निंग मैनेजमेन्ट सिस्टम का प्रयोग करने की प्रणाली को सीखने के लिए वीडियो भी अपलोड कर दिया है। एलएमएस पर पुलिस अधीक्षक सर्तकता श्री देमुख परिस अनिल द्वारा तैयार किया गया पम्प एकन गन, केप्सी ग्रेनेड व केप्सी स्प्रे की कार्य प्रणाली के बारे में वीडियो अपलोड किया गया है। उन्होंने बताया कि एल.एम.एस. द्वारा सीसीटीएनएस के ब्।ै सॉफ्टवेयर में एफ.आई.आर., नका मौका, गिरफ्तारी, जब्ती एवं अन्तिम रिपोर्ट (आईआईएफ-1 से आईआईएफ-5) आदि प्रपत्रों को भरने की प्रक्रिया के बारे में एससीआरबी द्वारा तैयार की गई प्रिक्षण सामग्री अपलोड की गयी है। इसके अतिरिक्त फोरेन्सिक डीएनए सेम्पल के बारे में भी जानकारी उपलब्ध करायी गयी है।
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